महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १४ अप्रैल ;अभी तक ; नगरवासियों के लिये बहुत शगुन भरा पावन अलभ्य लाभ प्राप्त हुआ है जो सतयुग, त्रेता आदि युगों में जिसके दर्शन होते है, उसी महासोम यज्ञ का एक बार नहीं दूसरी बार कलयुग में परम लाभ भगवान पशुपतिनाथ की कृपा से नगरवासियों को मिला है।
सोम यज्ञ का हिन्दू सनातन धर्मशास्त्रों, पुराणादित में बड़ा महत्व बताया गया है। नगर में वल्लभ नगर कालाखेत में 13 अप्रैल से आयोजित छः दिवसीय इस महायज्ञ में जो यजमान के रूप में यज्ञ में बैठकर लाभ ले रहे है उन्होंने तो इस जनम में नहीं अगले कई जन्मों तक अपने साथ अपनी कई पीढ़ियों का उद्धार कर दिया है। इस महायज्ञ में जो किसी कारण बैठ नहीं पा रहे है। वै केवल परिक्रमा से ही पुण्य लाभ ले रहे है। पुण्य लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ का भी अनायास बहुत बड़ा लाभ मिल रहा है क्योंकि परिक्रमा करने से शारीरिक व्यायाम हो रहा है जो प्रतिदिन डायबिटिज के कारण एक-दो नहीं तीन-चार और कोई-कोई इससे भी अधिक मॉर्निंग वॉक अर्थात् पैदल घूमने के लिये जाते है उन्हें यह लाभ परिक्रमा से मिल जाता है।
विशेषकर शुगर वालों को शाम-सवेरे सड़क/उद्यान आदि में जाना पड़ता है वह प्रातःकाल साथ ही संध्या रात्रि में जैसा भी अपने को अनुकुल अवसर हो परिक्रमा करके पुण्य लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ सबको अवश्य लेना चाहिए।
पतंजलि योग गुरू बंशीलाल टांक ने बताया कि प्रथम दिवस 13 अप्रैल की रात्रि को बहुत को भी बड़ी संख्या में महिला पुरूष ही नहीं छोटे-छोटे कम उम्र के बच्चों को भी बड़ा उत्साह उमंग के साथ दौड़ दौड़ के परिक्रमा करते हुए देखा गया।
9 वर्षीय बालक नमन सचिन पारीक ने तो दौड़ते दौड़ते एक साथ 60 परिक्रमा लगाई।
बुजुर्ग तो यज्ञ, देव स्थानों मंदिरों आदि की परिक्रमा कर पुण्य लाभ तो लेते ही है परन्तु छोटे छोटे बच्चों को जिस उल्लास उमंग हंसते हुए परिक्रमा करते हुए देखा गया यह प्रथम अवसर है। ऐसे अवसर का लाभ सबको लेना चाहिए।
विशेषकर शुगर वालों को शाम-सवेरे सड़क/उद्यान आदि में जाना पड़ता है वह प्रातःकाल साथ ही संध्या रात्रि में जैसा भी अपने को अनुकुल अवसर हो परिक्रमा करके पुण्य लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ सबको अवश्य लेना चाहिए।
पतंजलि योग गुरू बंशीलाल टांक ने बताया कि प्रथम दिवस 13 अप्रैल की रात्रि को बहुत को भी बड़ी संख्या में महिला पुरूष ही नहीं छोटे-छोटे कम उम्र के बच्चों को भी बड़ा उत्साह उमंग के साथ दौड़ दौड़ के परिक्रमा करते हुए देखा गया।
9 वर्षीय बालक नमन सचिन पारीक ने तो दौड़ते दौड़ते एक साथ 60 परिक्रमा लगाई।
बुजुर्ग तो यज्ञ, देव स्थानों मंदिरों आदि की परिक्रमा कर पुण्य लाभ तो लेते ही है परन्तु छोटे छोटे बच्चों को जिस उल्लास उमंग हंसते हुए परिक्रमा करते हुए देखा गया यह प्रथम अवसर है। ऐसे अवसर का लाभ सबको लेना चाहिए।