महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ७ फरवरी ;अभीतक ; मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 1990 के बाद विभागीय ढांचे के अनुरूप नवीन कर्मचारियों की भार्ती नहीं करने के कारण सरकार को अपने कामकाज चलाने के लिए भी आउटसोर्स का सहारा लेना पड़ेगा, क्योंकि सभी सरकारें कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में सुस्त ही रही है।
उक्त विचार व्यक्त करते हुए सेवानिवृत्त पेंशनर्स महासंघ मंदसौर जिले के उपाध्यक्ष एवं शिक्षाविद रमेशचन्द्र चन्द्रे ने कहा कि 31 मार्च 2023 को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 5 लाख 90 हजार 550 कर्मचारी कार्यरत थे किंतु 2024 में 1 लाख 17 हजार कर्मचारी रिटायर्ड हुए एवं 2025 में करीब 1 लाख 25 हजार कर्मचारी सेवा निवृत हो जाएंगे इस प्रकार 2026 में लगभग 3 लाख 65 हजार 550 कर्मचारी रह जाएंगे।
श्री चन्द्रे ने कहा कि वर्तमान में भी भोपाल स्थित वल्लभ भवन, सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन के शासकीय कार्यालयों में अनेक टेबलें खाली पड़ी होती है और यही हाल मध्यप्रदेश के विभिन्न विभागों में संभागीय स्थान से लेकर तहसील स्तर तक देखने को मिल जाएगा।
श्री चन्द्रे ने कहा कि प्रदेश में रिटायर्ड लोगों की संख्या अधिक होगी जबकि रनिंग कर्मचारी उनकी तुलना में बहुत कम हो जाएंगे। यदि सेवा निवृत्ति की उम्र बढ़ा-बढ़ाकर सरकार इसकी पूर्ति करती है तो नए युवक, बेरोजगारी के कगार पर खड़े रहेंगे जिसके कारण सामाजिक अपराधों में बढ़ोतरी होने की संभावना बन सकती है?
इसलिए सेवानिवृत्ति की उम्र को नहीं बढ़ा कर नई नियुक्तियों के प्रति सरकार को सचेत हो जाना चाहिए अन्यथा आगे आने वाले वर्षों में शासकीय ढांचा चरमरा जाएगा तथा नागरिकों के शासकीय कामकाज भी गतिहीन हो जाएंगे।
इसलिए सेवानिवृत्ति की उम्र को नहीं बढ़ा कर नई नियुक्तियों के प्रति सरकार को सचेत हो जाना चाहिए अन्यथा आगे आने वाले वर्षों में शासकीय ढांचा चरमरा जाएगा तथा नागरिकों के शासकीय कामकाज भी गतिहीन हो जाएंगे।
श्री चन्द्रे ने आग्रह किया है कि नवाचार एवं नई टेक्नोलॉजी को सरकारी कामकाज में बढ़ाने के साथ-साथ यदि कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की जाती है तो बड़े-बड़े सरकारी भवन और संसाधन बेकार हो जाएंगे इसलिए नई नियुक्तियां विभिन्न विभागों में की जाना चाहिए।