आशुतोष पुरोहित
खरगोन १२ मार्च ;अभी तक ; मध्य प्रदेश के खरगोन के दो जनपद पंचायत क्षेत्रों से महाराष्ट्र में गन्ना काटने गए मजदूरों को कथित तौर पर बंधक बना कर प्रताड़ित किये जाने के मामले में खरगोन कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद 20 से अधिक मजदूरों को छुड़ाकर वापस लाया गया है।
खरगोन के श्रम अधिकारी अमित डोडवे ने बताया कि एक शिकायत के आधार पर कलेक्टर भव्या मित्तल महोदया के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र के सोलापुर और अहमदनगर क्षेत्र से 6 बच्चों समेत 27 लोगों को छुड़ाकर सुरक्षित वापस लाया गया है। उन्होंने बताया कि खरगोन के झिरनिया जनपद के सात और भगवानपुरा जनपद के 20 लोगों को छुड़ाया गया है।
उन्होंने बताया कि कलेक्टर भव्या मित्तल महोदया को शिकायत मिली थी। शिकायत के मुताबिक यह लोग गन्ना कटाई के लिए वापस गए थे, और जब इन्होंने भगोरिया के लिए वापस आने की बात कही तो इन्हें कथित तौर पर बंधक बना कर प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि बंधक बनाकर रखना अमानवीय कृत्य है।
उन्होंने बताया कि शिकायत के बाद कलेक्टर ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों से चर्चा की। कलेक्टर मैम के के निर्देश पर पत्राचार किया गया। सोलापुर कलेक्टर ने टीम गठित कर इन्हें छुड़वाकर वापस खरगोन भिजवाया है। श्रम अधिकारी ने बताया कि इन मजदूरों और परिवारों को शासन की योजना के मुताबिक लाभ दिलाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए जिला स्तर पर एक्शन प्लान बनाकर महाराष्ट्र से लगे विकास खंडों में सक्रिय तंत्र स्थापित करेंगे।
श्रम अधिकारी ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता अंतिम शितोले के द्वारा मामला संज्ञान में ले जाने पर इन्हें छुड़ाने की कार्रवाई के दौरान मजदूरों से मारपीट भी की गई थी। एक आदिवासी दंपति रमेश और उसकी पत्नी पारु को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि मजदूर दशहरे के बाद एक ठेकेदार के माध्यम से गन्ना काटने महाराष्ट्र गए थे। त्योहारों पर लौटने की मांग पर इनसे कथित तौर पर 13 लाख रुपए मांगे गये और उनके ट्रैक्टर भी जब्त कर लिए गए। उन्होंने बताया कि इस मामले में महाराष्ट्र के सोलापुर क्षेत्र में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है।