महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ११ फरवरी ;अभी तक ; श्री प्रेम प्रकाश पंथ के 104वें चेत्र मेला प्रयागराज महाकुंभ में श्री प्रेम प्रकाश पंथ की छावनी एवं विगत दिनों श्री प्रेम प्रकाश आश्रम मन्दसौर के सम्पन्न 15वें वार्षिक महोत्सव के त्रिवेणी धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम की अपार सफलता को स-स्नेह मिलन समारोह के रूप में श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में संत श्री शम्भूलालजी के सानिध्य में सत्संग एवं भोजन प्रसादी के भण्डारे के साथ मनाया गया।

संतश्री शंभुलालजी ने महाकुंभ की सच्ची कथा को अत्यन्त ही सरल एवं सारगर्भित रूप में सत्संग के माध्यम से बताकर श्रद्धालु संगत को मंत्रमुग्ध व भावुक कर दिया। आपश्री ने मोनी अमावस्या के अमृत स्नान के महात्म्य को प्रतिपादित करते हुए कहा कि उस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान हेतु आकाश मण्डल से तारे उतरकर स्नान करते है। अखाड़ो के सन्यासी, तपस्वी स्नान कर लोक कल्याण करते है। आपने कहा कि वे तारे नहीं देवता के रूप में ब्रह्मा, विष्णु, महेश के रूप मंे देवता आते है। आपने प्रेम प्रकाश पंथ के पर प्रकाश डालते हुए तृतीय बादशाही सत्गुरु स्वामी शान्ति प्रकाश जी महाराज के भजन
“गुरु जा प्यारा। गदिजी सतनाम साक्षी चओ”
सतनाम साक्षी च ओ।।
“गुरु अजा प्यारा ”
कहे टेऊँ सतनाम साखी,
मिठो आहे जिएं माखी
अर्थात सतनाम साक्षी गुरू मंत्र मनुष्य के जीवन में सुखों के मार्ग का द्वार है।
संतश्री ने सेवाधारी संगत को आशीर्वाद स्वरूप सतगुरूओं का प्रसाद पखर प्रसाद प्रदान किया। सस्नेह प्रसाद भण्डारा पाकर संगत निहाल हुई। सुख व समृद्धि का ‘पल्लव’ अरदास पाकर कार्यक्रम समाप्ति उपरांत आभार प्रदर्शन दादी पुष्पा पमनानी एवं दयाराम जैसवानी ने प्रकट किया।
“गुरु जा प्यारा। गदिजी सतनाम साक्षी चओ”
सतनाम साक्षी च ओ।।
“गुरु अजा प्यारा ”
कहे टेऊँ सतनाम साखी,
मिठो आहे जिएं माखी
अर्थात सतनाम साक्षी गुरू मंत्र मनुष्य के जीवन में सुखों के मार्ग का द्वार है।
संतश्री ने सेवाधारी संगत को आशीर्वाद स्वरूप सतगुरूओं का प्रसाद पखर प्रसाद प्रदान किया। सस्नेह प्रसाद भण्डारा पाकर संगत निहाल हुई। सुख व समृद्धि का ‘पल्लव’ अरदास पाकर कार्यक्रम समाप्ति उपरांत आभार प्रदर्शन दादी पुष्पा पमनानी एवं दयाराम जैसवानी ने प्रकट किया।