मयंक शर्मा
खंडवा ३ मार्च ;अभी तक ; ग़रीब लेकिन जज़््बे से लबरेज़ खंडवा जिले की बेटी कावेरी डिमर अपने पिता के कर्ज चुकाने के लिए नर्मदा नदी में मछलियां पकड़ती थी लेकिन , आज इंडियन नेवी में शामिल होकर देश की सेवा करने के लिए तैयार है!
कावेरी ने बताया कि 40 हजार के कर्ज में डूबे पिता ने जब नदी में जाल डालकर मछलियां पकड़नी शुरू कीं, तो 3 बहने भी साथ आ गईं। सुबह-सुबह तीनों बहनें जाल से मछली निकालकर ठेकेदार को बेचतीं, ताकि पिता का कर्ज उतर सके। परिवार का पेट पालने के लिए बचपन से मेहनत करने वाली कावेरी, अब देश की रक्षा के लिए समंदर की लहरों पर राज करेगी!
कावेरी की काबिलियत को सोशल मीडिया ने नई उड़ान दी और नाव चलाने का वीडियो वायरल हुआ, तो 2016 में तत्कालीन खेल अधिकारी जोसफ बक्सला ने गांव पहुंचकर तीनों बहनों को भोपाल स्पोट्र्स अकादमी में ट्रायल दिलवाया।. कावेरी का प्रदर्शन सबसे बेहतर निकला और 2016 में ही उसे एमपी वॉटर स्पोट्र्स अकादमी में दाखिला मिल गया।
कावेरी ने अपनी आपबीती मे कहा कि नर्मदा घाटी के जिले के इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में नाव चलाकर तैराकी सीखी और फिर ऐसा हुनर दिखाया कि विदेशों तक 17 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई,। एशियन चैंपियनशिप, वल्र्ड चैंपियनशिप, ओलंपिक क्वालिफायर समेत कई बड़े टूर्नामेंट में दमखम दिखाया.। नेशनल चैंपियनशिप में 45 गोल्ड, 6 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देशभर में अपनी पहचान स्थापित की।
अब इंडियन नेवी में चयन के बाद जब कावेरी अपने गांव लौटी, तो मां-बाप की आंखों में यकीन नहीं हो रहा था। तिलक लगाकर बेटी का सम्मान किया, गांववालों ने फूल मालाओं से स्वागत किया।. गांव की इस बेटी ने बता दिया कि हालात कैसे भी हों, अगर इरादे मजबूत हैं, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है!