मन्दसौर ३ जुलाई ;अभी तक ; सिन्धी हिन्दू समाज कि प्रमुख धर्मपीठ श्री प्रेम प्रकाश पंथ के संस्थापक व सनातन धर्म के प्रवर्तक मंगल मूर्ति आचार्य सतगुरु स्वामी टेऊॅराम महराज के 139 वे जन्मोत्सव एवं चालीसा महोत्सव का समापन समारोह श्री प्रेमप्रकाश आश्रम में संत श्री शम्भूलालजी के सानिध्य में बड़े ही धूमधाम व हर्षाेल्लास के साथ संगत ने झूम कर नृत्य कर मनाया गया । वहीं 139 दीपक प्रज्ज्वलित कर भगवान लक्ष्मी नारायण एवं आचार्य टेऊराम महाराज की महाआरती की गई व केक प्रसाद का भोग अर्पित किया गया।

इस भजन के माध्यम से संत श्री ने अपने मुखारविंद से कहा कि इस कलयुग में आपके सगे सम्बंधी के खून (रक्त) के रिश्ते से भी सतगुरु का रिश्ता बहुत बड़ा व श्रेठ हैं, इसलिए आपका हमारा स्वामी टेऊॅराम महराज से दिल व खून का रिश्ता बन गया है, इसलिए आज 139 वर्ष बाद भी आचार्य श्री का जन्मदिन हम और आप लगातार 40 दिन तक मना रहे हैं। कोई भी प्राणी जन्म से महान् नहीं होता बल्कि कर्म से महान होता है। टेऊँराम महाराज की भी गुरु भक्ति व अच्छे कर्मों की कमाई हुई हैं इसलिए आज देश विदेश में उनका जन्मदिन मना रहे हैं। आपने अपनी वाणी को स्पष्ट करते हुए कहां की रावण, कुम्भकर्ण व विभिषण आपस में संगे भाई होकर ब्राम्हण कूल में जन्मे थे किन्तु इन तीनों में विभिषण भगवान श्री राम की शरण में आने से उनके कर्म सुधर गये व विभिषण पूजनीय हो गये। उसी प्रकार आचार्य सतगुरु स्वामी टेऊॅराम जी महाराज भी अपने सतकर्मों की कमाई के कारण पूजनीय हो गये।
इस पावन अवसर पर पूज्य सिंधी जनरल पंचायत व भाई बन्ध पंचायत के अध्यक्ष वासुदेव सेवानी के नेतृत्व में संयोजकद्वय पुरुषोत्तम शिवानी, नंदू आडवाणी, संरक्षक डॉ. डी.डी. संगतानी, मनोहर नैनवानी, जयकुमार सेवानी, किशन लालवानी, श्री वरूणदेव मन्दिर संचालन समिति के अध्यक्ष प्रमोद ककनानी, पंचायत के महासचिव राजेश चाहूजा, कोषाध्यक्ष प्रितम खैमानी, उपाध्याय दयाराम जैसवानी, सुरेश बाबानी, दिनेश कल्याणी आदि ने सन्त श्री शम्भूलालजी जी का शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
अन्त में सुख-शांति समृद्धि और आशाओं व मनोकामनाओं की पूर्ण का पल्लव (अरदास) पाकर समाप्ति उपरांत गुरु प्रसादी भण्डारा, निराश्रित बालगृह अपना घर की कन्याओ को खिलाकर संगत ने प्रारम्भ किया। आभार प्रदर्शन दादी पुष्पा पमनानी एवं चन्दा मुलचंदानी ने प्रकट किया।