महावीर अग्रवाल
मंदसौर ९ जून ;अभी तक ; प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजिय पांच दिवसीय आध्यात्मिकता के पथ पर जीवन उत्सव में प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर वक्ता एवं कॉरपोरेट ट्रेनर ईवी गिरीश भाई ने कहा की कर्मेन्द्रियों के बिना यदि आप खुश हैं तो वह सच्ची और आंतरिक ख़ुशी है। मनुष्य आज छोटी-छोटी परेशानियों को लेकर दुःखी है, बीमारों से अस्पताल भरे पड़े हैं, क्रोध,आवेश के शिकार हैं।
ईवी गिरीश भाई स्थानीय कुशाभाऊ ठाकरे आडिटोरियम में आयोजित पांच दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन बोल रहे थे । इस अवसर पर आत्म कल्याण भवन की संचालिका बीके उषा ,जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मदनलाल राठौर, वैश्य महासम्मेलन के जिला प्रभारी नरेंद्र अग्रवाल, राजेन्द्र चास्टा विशेष रूप से उपस्थित थे। ईवी गिरीश ने कहा कि मनुष्य का जीवन सो-दो सौ पांच सौ लोगो को खुश करने के लिए दुखी है । हमारे आराध्य देवी देवताओं का पूरा जीवन ही संघर्षमय रहा,जन्म से लेकर मृत्यु तक श्रीकृष्ण का जीवन संघर्ष मय रहा लेकिन एक वाक्या ऐसा नही है जब श्री कृष्ण दुखी रहे हो। मुस्करा कर उन्होंने प्रत्येक परिस्थिति का सामना किया। क्या हमारे बच्चे परीक्षा से पहले मानसिक रूप से परेशान ना हो ऐसा हो सकता है ? हमारे जीवन मे आने वाली परेशानी से हम चिंतित ना हो ऐसा हो सकता है? आवश्यकता है हमारे चिंतन की धारा को नियंत्रित करने का, इसे सकारात्मकता की और ले जाना पड़ेगा।
आपने कहा कि बच्चों को सिर्फ चाहिए-चाहिए मत सिखाइये, धेर्य रखना सिखाइए,बच्चें का आत्म विश्वास बढ़ाइए।
आपने कहा कि महात्मा गाँधी,स्वामी विवेकानंद, अब्दुल कलाम, लता मंगेशकर सभी के जीवन मे बहुत संघर्ष था लेकिन वे मानसिक बीमार नही हुए, रतन टाटा असफल होकर मानसिक अवसाद के शिकार नही हुए लेकिन हम बच्चा फेल हो जाये तो भी मुस्करा नही रहे क्योकि मानसिक रुप से हम मजबूत नहीं है।
ईवी गिरीश भाई ने कहा कि बच्चें को डराइये मत ,चिंताओं को छोड़िए और मानसिक रूप से उसे मजबूत बनाइये,मन पर खुद का नियंत्रण करना सिखाइये।
प्रारंभ में ब्रह्माकुमारी बहनों ने स्वागत किया। नगर के गणमान्य जनों ने ईवी गिरीश भाई का सम्मान किया। समारोह का संचालन बीके हेमलता ने किया।