सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर ९ अप्रैल ;अभी तक ; छह साल जूनियर प्रोफेसर को प्रभारी प्राचार्य बनाये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार प्रभारी प्राचार्य का दायित्व वरिष्ठ प्रोफेसर को दिया जाना आवश्यक है। हाईकोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने जूनियर को प्रभारी प्राचार्य पद का दायित्व दिये जाने पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता डॉ गिरीश वर्मा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मोहनलाल हरगोविंद दास होम साइंस स्वायत्तशासी कॉलेज में वह साल 2012 से प्रोफेसर के पद पर पदस्थ है। वह कॉलेज के सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर है। उनसे 6 साल जूनियर समीर कुमार शुक्ला साल 2018 में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ हुए थे। वरिष्ठ होने के बावजूद भी उनके जूनियर को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व सौंपा गया है।
याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार द्वारा 15 फरवरी 2022 को जारी परिपत्र के अनुसार प्रभारी प्राचार्य का दायित्व वरिष्ठ प्रोफेसर को दिया जाना आवश्यक है। अनावेदक को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व प्रदान करते हुए उक्त षर्त का परिपालन नहीं किया गया। अनावेदक प्रभारी प्राचार्य की तरफ से केबियेट दायर की गयी थी। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बनाये जाने के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंकित अग्रवाल ने पैरवी की।