महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २४ मई ;अभी तक ; प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मंदसौर के रूसा सभागार में आज दिनांक 24 मई 2025 को आयोजित एक समारोह में महाविद्यालय में लम्बे समय से कार्यरत जनभागीदारी कर्मचारियों में से 14 कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के रूप में चिन्हित कर आदेश वितरित किए गए। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय राज्यसभा सांसद श्री बंशीलाल जी गुर्जर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में महाविद्यालय की स्थानीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री नरेश जी चंदवानी ने शिरकत की। समारोह में जनभागीदारी समिति के सम्मानित सदस्यों के रूप में श्रीमती प्रीति रोकले, श्री रमेशचन्द्र चन्द्रे, श्री रॉकी यादव, डॉ. आशीष खिमेसरा, डॉ. क्षितिज पुरोहित, श्री बादल शर्मा, श्री दिनेश जाट आदि उपस्थित रहें।
सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात महाविद्यालय के प्राचार्य एवं वरिष्ठ आचार्य डॉ वी.पी. तिवारी ने अतिथियों एवं सम्मानित जनभागीदारी समिति सदस्यों का पुष्पहार से स्वागत किया।
महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. वी.पी. तिवारी ने महाविद्यालय के इन कर्मचारियों के स्थाईकरण की पूरी प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। स्वागत कथन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जे.एस. दुबे ने सभी अतिथिगणों का शब्द सुमनों से स्वागत करते हुए बताया कि यह प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी। विभिन्न समितियों ने इस पर काम किया, परंतु उनके स्थाईकरण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पा रही थी। डॉ वी.पी. तिवारी की अध्यक्षता में बनी समिति एवं जनभागीदारी अध्यक्ष श्री नरेश चंदवानी जी के सक्रिय सहयोग से तथा कई दस्तावेजों के संग्रहण एवं उनसे दिशा प्राप्त करने के पश्चात महाविद्यालय इन कर्मचारियों के हित में काम कर पाया है। मेहनत से काम करने वाले कर्मचारियों के प्रति महाविद्यालय के प्राचार्य के रूप में मैंने अपने स्तर पर भी प्रयास किये तथा इनके स्थाईकरण में अपनी भूमिका का स्पष्ट निर्वाह किया। तत्पश्चात महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री नरेश जी चंदवानी ने बताया कि पिछले कई दिनों से महाविद्यालय की इन कर्मचारियों को स्थाई कर्मी के रूप में पहचान देने के लिए प्रयास किये जा रहे थे। विभिन्न शासकीय पत्रों के माध्यम से इन्हें स्थायी कर्मी के रूप में चिन्हित करने हेतु प्रयास किए गए। लगन एवं मेहनत से काम करने के परिणामस्वरूप आज इन कर्मचारियों को आदेश मिले हैं सभी कर्मचारियों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए तथा अपने अच्छे काम से नई पहचान बनानी चाहिए। समारोह के मुख्य अतिथि माननीय राज्यसभा सांसद श्री बंशीलाल जी गुर्जर ने संयमित जीवन के कई उदाहरणों के माध्यम से जीवन में लगन, कठिन समय पर धैर्य मेहनत एवं विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत न हारने को लेकर कई संस्मरण सभी के साथ साझा किए। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि स्थाईकरण की प्रक्रिया से बहुत लंबा या अधिक आर्थिक लाभ नहीं मिल पाए परंतु स्थाईकरण अपने आप में चैन की नींद से सोने के लिए पर्याप्त है। कर्मचारियों के धैर्य, लगन और मेहनत से उन्हें आज यह मुकाम प्राप्त हुआ है। इसलिए अपना काम हमेशा लगन और ईमानदारी से करना चाहिए। इनका कार्य महाविद्यालय के अन्य कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. वी.पी. तिवारी ने महाविद्यालय के इन कर्मचारियों के स्थाईकरण की पूरी प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। स्वागत कथन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जे.एस. दुबे ने सभी अतिथिगणों का शब्द सुमनों से स्वागत करते हुए बताया कि यह प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी। विभिन्न समितियों ने इस पर काम किया, परंतु उनके स्थाईकरण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पा रही थी। डॉ वी.पी. तिवारी की अध्यक्षता में बनी समिति एवं जनभागीदारी अध्यक्ष श्री नरेश चंदवानी जी के सक्रिय सहयोग से तथा कई दस्तावेजों के संग्रहण एवं उनसे दिशा प्राप्त करने के पश्चात महाविद्यालय इन कर्मचारियों के हित में काम कर पाया है। मेहनत से काम करने वाले कर्मचारियों के प्रति महाविद्यालय के प्राचार्य के रूप में मैंने अपने स्तर पर भी प्रयास किये तथा इनके स्थाईकरण में अपनी भूमिका का स्पष्ट निर्वाह किया। तत्पश्चात महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री नरेश जी चंदवानी ने बताया कि पिछले कई दिनों से महाविद्यालय की इन कर्मचारियों को स्थाई कर्मी के रूप में पहचान देने के लिए प्रयास किये जा रहे थे। विभिन्न शासकीय पत्रों के माध्यम से इन्हें स्थायी कर्मी के रूप में चिन्हित करने हेतु प्रयास किए गए। लगन एवं मेहनत से काम करने के परिणामस्वरूप आज इन कर्मचारियों को आदेश मिले हैं सभी कर्मचारियों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए तथा अपने अच्छे काम से नई पहचान बनानी चाहिए। समारोह के मुख्य अतिथि माननीय राज्यसभा सांसद श्री बंशीलाल जी गुर्जर ने संयमित जीवन के कई उदाहरणों के माध्यम से जीवन में लगन, कठिन समय पर धैर्य मेहनत एवं विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत न हारने को लेकर कई संस्मरण सभी के साथ साझा किए। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि स्थाईकरण की प्रक्रिया से बहुत लंबा या अधिक आर्थिक लाभ नहीं मिल पाए परंतु स्थाईकरण अपने आप में चैन की नींद से सोने के लिए पर्याप्त है। कर्मचारियों के धैर्य, लगन और मेहनत से उन्हें आज यह मुकाम प्राप्त हुआ है। इसलिए अपना काम हमेशा लगन और ईमानदारी से करना चाहिए। इनका कार्य महाविद्यालय के अन्य कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
अंत में महाविद्यालय की जन भागीदारी समिति के प्रभारी आचार्य श्री संदीप सोनगरा ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. वीणा सिंह ने किया।