आनंद ताम्रकार।
बालाघाट १५ मई ; अभी तक ; नदी एवं तालाबों सहित अन्य जल स्रोतों के संरक्षण और उनकी साफ सफाई करने तथा उसके आसपास फैले अतिक्रमण को हटाने के लिये जलगंगा अभियान चलाया जा रहा है
इसी तारतम्य में जिला मुख्यालय बालाघाट सहित कटंगी,लांजी और अन्य स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है लेकिन वारासिवनी स्थित शंकर तालाब पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के लिये प्रशासन को पसीना छूट रहा है।
माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्देश पर तत्कालीन कलेक्टर बालाघाट श्री भरत यादव ने जांच पश्चात 55 अतिक्रमण कर्ताओं का चिन्हित किया और अतिक्रमण हटाए जाने के आदेश दिये। अतिक्रमणकारियों ने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ रिट पिटीशन दायर की और वापस भी ले ली।
इसके बाद तालाब में किये गये अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जानी थी लेकिन रसूखदार अतिक्रमण कर्ताओं ने शंकर तालाब की जमीन पर पक्के निर्माण कर लिये इतना ही नही तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करते हुये निर्माण कार्य किये जाने का सिलसिला अभी भी निरंतर जारी है।
वही जिला प्रशासन की ओर से मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नोटिस भेजकर अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश के नाम पर कागजी घोडे दौडाये जा रहे है।
वही मुख्य नगर पालिका अधिकारी जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस के अनुसार कार्यवाही को अंजाम देने के बजाए नोटिस का जवाब देने में अपनी तौहीन समझती है।
इन्ही विसंगतियों के चलते 7 साल से ज्यादा गुजर गये 22 एकड़ क्षेत्र में फैले शंकर तालाब कर रकबा कम होते जा रहा है और तो और नगर पालिका वारासिवनी द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने की बजाय तालाब के सौंदर्यीकरण और गहरीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि कागजों में ही खर्च कर दी गई।
इन्ही विसंगतियों को लेकर याचिकाकर्ता आनंद ताम्रकार ने कलेक्टर की जनसुनवाई में 5 नवंबर 2024 को तालाब से अतिक्रमण हटाये जाने के लिये आवेदन दिया था आवेदन देने के पश्चात 5 माह बीत जाने के बाद जब कोई कार्यवाही नहीं की गई तो जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर से की जाने वाली कार्यवाही के बारे में पूछा तो कलेक्टर महोदय ने तालाब में अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों के टूटने पर अपनी चिंता जाहिर करते हुये कहा की आज तक अतिक्रमण क्यों नही हटा इसके बाद कलेक्टर ने उक्त आवेदन पत्र मुख्यमंत्री सीएम हेल्पलाइन में कार्यवाही के लिये सप्रेक्षित कर दिया हेल्पलाइन से षिकायतकर्ता को अवगत कराया की की आपके आवेदन का तहसीलदार वारासिवनी द्वारा निराकरण कर दिया गया है।
इसी तारतम्य में तहसीलदार वारासिवनी द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी वारासिवनी को पत्र क्रमांक 1794 दिनांक 14/05/2025 को पत्र भेजकर आवेदन के संबंध में निराकरण और नियमानुसार कार्यवाही करने तथा कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिये गये है। आखिरकार शंकर तालाब में किये गये अतिक्रमण पर प्रभावी कार्यवाही करने की बजाय नोटिसबाजी करते हुये कागजी खानापूर्ति करने का यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा।