आनंद ताम्रकार
बालाघाट १८ अप्रैल ;अभी तक ; 14 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस वर्मा के घर जले हुए नोट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की जांच समिति बनाई थी। इस जांच समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करें। जस्टिस वर्मा पर सामान्य नागरिकों के समान एफआईआर दर्ज हो।
इन मांगों को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच भारतीय वरिष्ट नागरिक एसोसिएशन मानव अधिकार प्रांतीय संगठन पदाधिकारियों ने जबलपुर घंटाघर के पास एकत्रित होकर प्रदर्शन किया तथा जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा।
संगठनों को कहना है की जस्टिस वर्मा के मामले में अब 1 माह से ज्यादा का समय बीत गया है फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। देश के 24 हाईकोर्ट में से केवल 6 हाईकोर्ट के जजों ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है यहां तक की 75 प्रतिशत हाईकोर्ट में इस संबंध में अभी कोई निर्णय नही लिया है।
80 प्रतिशत लोग धनखड़ से सहमत है
मोबाइल फोन के माध्यम से आज किये गये त्वरित सर्वे में 80 प्रतिशत लोग उपराष्ट्रपति श्री जगदीश धनखड़ के कथन से सहमत है। जिसमें उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता की सीमा अब तय हो जाना चाहिये।
प्रदर्शन में डॉक्टर पीजी नाजपांडे,अधिवक्ता वेदप्रकाश अघोलिया, डीके सिंग, संतोषराव सोरते, अर्जुन कुमार परोहा, गौरव खरे, दिलीप कुंडे, डीआर लखेरा आदि शामिल है।