मोहम्मद सईद
शहडोल 4 फरवरी अभी तक। झोलाछाप ने एक मरीज का ऐसा ऑपरेशन किया कि तमाम कोशिशों के बाद भी मरीज को बचाया न जा सका। मरीज की पत्नी ने झोलाछाप की इस लापरवाही की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने इस झोलाछाप को गिरफ्तार कर लिया। यह पूरा मामला शहडोल संभाग अंतर्गत अनूपपुर जिले के कोतमा थाना क्षेत्र का है।
इस संबंध में कोतमा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पूर्णिमा उर्फ पूनम उपाध्याय निवासी पुरानी बस्ती कोतमा ने थाना कोतमा में 18 जनवरी को आवेदन दिया था कि उसके पति मनोज उपाध्याय को बीपी और शुगर की बीमारी थी। मेरे पति मनोज उपाध्याय अपने हाईड्रोशील का इलाज झोला छाप डॉक्टर यू.के. बोस कोतमा के यहां कराने गए तो मेरे पति का बीपी और शुगर की जांच किए बिना यू.के. बोस नें हाईड्रोशील का आपरेशन कर दिया जिससे मेरे पति मनोज उपाध्याय को इंफेक्सन हो गया। जिसका ईलाज शहडोल, नारायना हास्पिटल रायपुर और एम्स हास्पिटल रायपुर में भी कराया गया लेकिन 30 जनवरी को एम्स हास्पिटल रायपुर में ईलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई।
डिग्री नहीं, फिर भी कर रहा था ऑपरेशन
जांच के दौरान यू.के. बोस की क्लिनिक और आपरेशन करने की डिग्री जांच जिला चिकित्सालय अनूपपुर की तीन सदस्यीय डाक्टरों की टीम द्वारा जांच प्रतिवेदन दिया गया। पुलिस के अनुसार इस टीम ने प्रतिवेदन में उल्लेख किया कि डॉक्टर यू.के. बोस के पास हाईड्रोशील का आपरेशन करने की डिग्री नही है और वह लोगों को धोखे में रखकर अधिक पैसा कमाने के लिए आपरेशन करने की कोई डिग्री न होते हुए भी और यह जानते हुए कि मरीज बीपी और सुगर से ग्रसित है हाइड्रोसील का आपरेशन बिना जांच किए किया जिससे मरीज की मृत्यु हो गई।
इन धाराओं में दर्ज हुआ प्रकरण
पुलिस ने बताया कि जांच उपरांत यू.के. बोस के विरूध्द थाना कोतमा में धारा 319(2), 318(4)105 बीएनएस एवं म.प्र. राज्य आर्यविज्ञान परिषद अधिनियम (1956-1958) की धारा 24, म.प्र.उपर्चाय संबंधी स्थापनायें (पंजीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा 3/8 कायम कर विवेचना की गई।
इस मामले में पुलिस अधिक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी एस.डी.ओ.(पी.) कोतमा श्रीमती आरती शाक्य के मार्ग दर्शन में विवेचना की गई और 3 फरवरी को आरोपी यू.के.बोस उर्फ उज्जवल कुमार बोस उम्र 50 वर्ष निवासी निगवानी रोड कोतमा को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया।
कार्यवाही में कोतमा थाना प्रभारी निरीक्षक सुन्द्रेश सिंह, सउनि. सुरेश कुमार अहिरवार, आरक्षक पूर्णानंद और अभय त्रिपाठी की भूमिका सराहनीय रही।