महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २२ मई ;अभी तक ; रोटरी क्लब एवं दशपुर योग शिक्षा संस्थान द्वारा ‘‘मोटापा व मधुमेह उन्मूलन हेतु निःशुल्क योग शिविर’’ योग भवन में आयोजित किया जा रहा है। जहां बड़ी संख्या में रोगी एवं साधक योग क्रियाये कर रोगों से लड़ने हेतु शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर रहे है।
चतुर्थ दिन योग शिविर में हर्बल विशेषज्ञ मिलिंद जिल्हेवार ने तनाव, मोटापा और मधुमेह के बीच गहरे संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के समय में मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों का मुख्य कारण तनाव है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल हार्माेन का स्तर बढ़ता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल असामान्य रूप से बढ़ सकता है और इंसुलिन की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
श्री जिल्हेवार ने स्वास्थ्य संबंधी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करते हुए बताया कि देर रात भोजन करना और देर से सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। रात में देर से भोजन करने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण सही से नहीं हो पाता और मोटापा, डायबिटीज़ तथा हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
भोजन के समय पानी पीने के विषय में जिल्हेवार ने कहा कि खाना खाते समय पानी पीने से पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है ।
उन्होंने यह भी बताया कि शरीर के लिए मीठा, नमक, घी और तीखा सभी जरूरी हैं, लेकिन इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने से ये तत्व शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
दालों के प्रोटीन स्रोत पर चर्चा करते हुए जिल्हेवार ने कहा कि दाल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, लेकिन प्रेशर कुकर में दाल पकाने से उसके प्रोटीन की मात्रा कम हो सकती है। इसलिए दाल को सही तरीके से पुरानी पद्धति से पकाना चाहिए ताकि उसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट न हों ।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता होती है, लेकिन इसके लिए डिब्बों में भरे पाउडर से प्रोटीन प्राप्त करने के बजाय दाल, सब्जियों और अन्य प्राकृतिक खाद्य पदार्थों से प्रोटीन प्राप्त करना चाहिए।
योग गुरू सुरेन्द्र जैन ने विभिन्न योग क्रियाये कराई तथा स्वस्थ रहने के लिये अपनी जीवनशैली को परिवर्तित करने का सुझाव दिया।
प्रारंभ में सूक्ष्म क्रियाये योग शिक्षक जिनेन्द्र उकावत ने कराई। इस अवसर पर संस्थान के सदस्य रमेश खत्री, विजय पलोड़, जितेश फरक्या, प्रीति जैन, जापानी भावनानी, धर्मदास संगतानी, राजकुमार अग्रवाल, महेश सेठिया, गोपाली उपाध्याय, ललित जैन, आनन्द कश्यप, प्रियंका मिण्डा, सुभाष पाटीदार, शोकीन धाकड़, दिनेश पारिख, गोपालकृष्ण पलोड़, अलका उदीवाल, प्रदीप जैन, कंवरलाल पाटीदार, दिलीप चौधरी, नीलम जैसवानी, लालुप्रसाद चंचोसिया, हेमा पारिख, सुरेश पारिख, अनिल कोठारी सहित बड़ी संख्या में साधक उपस्थित थे। आभार संस्था उपाध्यक्ष जितेश फरक्या ने माना।
भोजन के समय पानी पीने के विषय में जिल्हेवार ने कहा कि खाना खाते समय पानी पीने से पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है ।
उन्होंने यह भी बताया कि शरीर के लिए मीठा, नमक, घी और तीखा सभी जरूरी हैं, लेकिन इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने से ये तत्व शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
दालों के प्रोटीन स्रोत पर चर्चा करते हुए जिल्हेवार ने कहा कि दाल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, लेकिन प्रेशर कुकर में दाल पकाने से उसके प्रोटीन की मात्रा कम हो सकती है। इसलिए दाल को सही तरीके से पुरानी पद्धति से पकाना चाहिए ताकि उसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट न हों ।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता होती है, लेकिन इसके लिए डिब्बों में भरे पाउडर से प्रोटीन प्राप्त करने के बजाय दाल, सब्जियों और अन्य प्राकृतिक खाद्य पदार्थों से प्रोटीन प्राप्त करना चाहिए।
योग गुरू सुरेन्द्र जैन ने विभिन्न योग क्रियाये कराई तथा स्वस्थ रहने के लिये अपनी जीवनशैली को परिवर्तित करने का सुझाव दिया।
प्रारंभ में सूक्ष्म क्रियाये योग शिक्षक जिनेन्द्र उकावत ने कराई। इस अवसर पर संस्थान के सदस्य रमेश खत्री, विजय पलोड़, जितेश फरक्या, प्रीति जैन, जापानी भावनानी, धर्मदास संगतानी, राजकुमार अग्रवाल, महेश सेठिया, गोपाली उपाध्याय, ललित जैन, आनन्द कश्यप, प्रियंका मिण्डा, सुभाष पाटीदार, शोकीन धाकड़, दिनेश पारिख, गोपालकृष्ण पलोड़, अलका उदीवाल, प्रदीप जैन, कंवरलाल पाटीदार, दिलीप चौधरी, नीलम जैसवानी, लालुप्रसाद चंचोसिया, हेमा पारिख, सुरेश पारिख, अनिल कोठारी सहित बड़ी संख्या में साधक उपस्थित थे। आभार संस्था उपाध्यक्ष जितेश फरक्या ने माना।