More
    Homeप्रदेशतप के माध्यम से ही हमारे कर्मों की निर्जरा होती है-मुनि श्री,...

    तप के माध्यम से ही हमारे कर्मों की निर्जरा होती है-मुनि श्री, श्री आदित्य मुनि म.सा. का हुआ मंदसौर में पर्दापण

    महावीर अग्रवाल 

    मन्दसौर १७ अप्रैल ;अभी तक ;   आचार्य श्री रामलाल जी म.सा. एवं उपाध्याय प्रवर श्री राजेश मुनि जी म. सा. के शिष्य शासन दिपक श्री आदित्य मुनि जी म.सा.ठाना 3 का  मंदसौर में पर्दापण हुआ। आप संजय गांधी उद्यान के सामने संजय गांधी उद्यान में विराजित है।
                                       यहां आदित्यमुनिजी म.सा. ने अपने प्रवचन में तप और कर्मों की निर्जरा का रहस्य बताया। महाराज श्री ने बताया कि केवल बाहरी तप ही नहीं, बल्कि आंतरिक (अभ्यंतर) तप भी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कुल 12 प्रकार के तप होते हैं जिनमें 6 बाहरी और 6 आभ्यंतर तप शामिल हैं। तप के माध्यम से ही हमारे कर्मों की निर्जरा (क्षय) होती है और आत्मा शुद्धि की ओर अग्रसर होती है।
                                         आदित्य मुनि जी म.सा. के प्रवचन आज शुक्रवार सुबह 8.30 से 9.30 बजे तक समता सदन, रोम टावर वाली गली में आयोजित होंगे। सभी धर्मप्रेमियों से विनम्र आग्रह है कि वे समय पर पहुंचकर इस आध्यात्मिक प्रवचन का लाभ लेवे।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img