सीधी से विजय सिंह
सीधी, 14 मई ;अभी तक ; ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन के सेवादार ने लद्दाख पहुंचकर मशहूर शिक्षाविद् सोनम वांगचुक से भेंट की। सोनम वांगचुक एक इंजीनियर, नवाचारी और शिक्षा-सुधारक हैं। इनके स्कूल पर आधारित आमिर ख़ान अभिनीत बेहद मशहूर फ़िल्म ’थ्री इडियट्स’ ने वांगचुक को रातों-रात सितारा बना दिया था।
श्री वांगचुक ”स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख” (SECMOL) के संस्थापक हैं। इस स्कूल के पूर्व छात्र देश और दुनिया में नाम कमा रहे हैं। भारतीय आइस हॉकी टीम के कप्तान से लेकर अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री मेकर तक; और आईएएस से लेकर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर तक इस स्कूल के नायाब रत्न हैं। secmol परिसर को पैसिव सोलर हीटिंग के सिद्धांतों पर सरल, कम लागत वाली पारंपरिक तकनीकों का उपयोग करके बनाया गया है। इसके अलावा वांगचुक को अपने ‘आइस स्तूपा’ के लिए विश्व भर में ख्याति मिली है।
लद्दाख में साल के छह महीने बर्फ और ठंड के कारण खेती नहीं हो पाती। अप्रैल और मई के महीनों में किसानों को पानी की जरूरत होती है, पर तब तक हिमनद जमे होते हैं। आइस स्तूपा इस समस्या का समाधान है। उनके इस मॉडल को अब दुनिया के कई देशों जैसे- स्विट्जरलैंड, वेनेजुएला, न्यूज़ीलैंड आदि में अपनाया जा रहा है।
हाल ही में ऋषिकेश फाउंडेशन के एक सेवादार द्वारा सोनम वांगचुक से भेंट कर बाल सेना मोगली पलटन की भावी गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा की गई। मोगली पलटन का उद्देश्य एक ऐसा अल्टरनेटिव एजुकेशन मॉडल विकसित करना है जो बच्चों को आत्मकेंद्रित, अवसादग्रस्त, और भयभीत बनाने की बजाय करुणाशील, हुनरमंद, और आत्मविश्वासी बनाए। इसी विचार को लेकर मोगली पलटन के प्रतिनिधि देश भर में समान सोच से संचालित शिक्षण संस्थानों का दौरा कर अपना मॉडल विकसित करने का प्रयास करेंगे।