देवेश शर्मा
मुरैना 16 मई ;अभी तक ; विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज एक्ट) मुरैना के न्यायालय द्वारा गुरुवार को थाना जौरा के जघन्य सनसनीखेज अपराध में अनुसूचित जाति के व्यक्ति की हत्या एवं अन्य आहतगण की हत्या के प्रयास में आरोपीगण कल्लू उर्फ रामकिशोर, शिवराज, राजेश, रामराज, मुकेश, प्रदीप, सुरेन्द्र एवं रवि को आजीवन कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अब्दुल नसीम, प्रभारी उप-संचालक (अजाक) मुरैना एवं इन्द्रेश कुमार प्रधान, विशेष लोक अभियोजक, मुरैना द्वारा की गई।
जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) इन्द्रेश कुमार प्रधान ने बताया कि दिनांक 07.08.2019 को अस्पताल चौकी मुरैना में आहत फरियादी सुभाष सिंह उर्फ पप्पू सिकरवार ने रिपोर्ट लिखाई कि दिनांक 07.08.2019 को लगभग शाम 06ः40 पर अपने एस.यू.व्ही. वाहन से जौरा से मुरैना आ रहा था। मेरे साथ वाहन में जगन्नाथ सिकरवार, शिवचरन शाक्य जनपद पंचायत जौरा तथा सतेन्द्र सिकरवार निवासी जौरा के बैठे हुये थे। वाहन को मेरा बेटा सौरभ चला रहा था। जैसे ही हम लोग बिलगांव की पुलिया से आगे चले, तभी एक स्कॉर्पियो वाहन सफेद रंग एवं एक बुलेरो सफेद रंग ने ओवरटेक करके वाहन में टक्कर मारकर रोक दिया, स्कॉर्पियो ने पीछे से रास्ता रोक लिया तथा बुलेरो ने आगे से रास्ता बंद कर लिया। दोनों वाहन से अचानक फायरिंग होने लगी, आगे वाले वाहन से आरोपी रामराज हाथ में बंदूक लेकर उतरा और स्कॉर्पियो से आरोपीगण कल्लू उर्फ रामकिशोर, प्रदीप सिकरवार, शिवराज सिकरवार बंदूक एवं कट्टे आदि लेकर उतरे। सभी लोगों ने मिलकर मुझे और वाहन में बैठे अन्य लोगों को जान से मारने की नीयत से अंधाधुंध फायरिंग कर दी। आरोपी कल्लू उर्फ रामकिशोर ने मुझे जान से मारने की नीयत से सीधी गोली मारी जो शिवचरन शाक्य को लगी जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। मुझे सीधे हाथ में तथा जगन्नाथ को बायें हाथ में गोली लगी। मेरे बेटे सौरभ ने गाडी भगाई, आरोपीगण की गाडियों ने हमारा पीछा किया, हमलोग वहां से निकलकर सीधे मुरैना हॉस्पीटल आ गये। डॉक्टर ने शिवचरन शाक्य को मृत घोषित कर दिया, मुझे और जगन्नाथ को ईलाज के लिये भर्ती कर लिया।
फरियादी सुभाष सिंह उर्फ पप्पू सिकरवार की रिपोर्ट पर थाना जौरा में अपराध दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण मंे आरोपीगण हंसराज, नीरू उर्फ नीरज, सुरेन्द्र, मुकेश, राजेश, अनिल, रवि, रामू के विरूद्ध अपराध में संलिप्त होने से साक्ष्य का संकलन कर अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय (एट्रोसिटीज एक्ट) मुरैना के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा प्रकरण गंभीर एवं जघन्य प्रकृति का होने से सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया। प्रकरण में गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये तत्कालीन अति. पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी द्वारा प्रकरण में अनुसंधान कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायालय द्वारा विवेचना के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत मौखिक, दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर 08 आरोपीगण को आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया व 03 आरोपीगण को अपर्याप्त साक्ष्य के आधार पर दोषमुक्त किया गया, 01 आरोपी फरार होने से उसके विरूद्ध निर्णय पारित नहीं किया गया।