आनंद ताम्रकार
बालाघाट 23 फरवरी ;abhi tk; बालाघाट का चावल कोई साधारण चावल नहीं है, इसकी महक और ज़ायका विदेशी नागरिकों को भी खासा लालायित कर रहा है। इसी कारण अफ्रीकन और गल्फ देशों में आईआर-64 की तो डिमांड है ही, अब चावल की अन्य किस्में भी बालाघाट के किसानों को नई पहचान दिला सकती हैं। इसकी शुरुआत बालाघाट के ही कुछ राइस मिलर्स ने दुबई में 17 से 21 फरवरी तक आयोजित हुए फ़ूड एक्सपो में की है। दुबई के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में दुनिया भर के खाद्य पदार्थो को लेकर व्यापार जगत के दिग्गज पहुँचे थे। यहां दुनिया के 140 देशों के खाद्य पदार्थो के साथ प्रतिनिधि एकत्रित हुए थे। इसी एक्स्पो में आकाश इंडस्ट्रीज राइस मिल के श्री पलाश सोमानी बालाघाट की कुछ चुनिंदा किस्मों लेकर इस फ़ूड एक्सपो में पहुँचे थे। उनके द्वारा स्टॉल लगाया गया था। साथ ही केसर एग्रोटेक के श्री रवि वैद्य भी डायरेक्ट राइस सैलिंग की सम्भावनाये तलाशने पहुँचे थे। उन्होंने बताया कि हम अफ्रीकन व गल्फ देशों में चावल एक्स्पोर्ट कर रहें है। लेकिन अब सीधे बॉयर से कांटेक्ट कर बालाघाट के चावल का ज्यादा से ज्यादा एक्सपोर्ट कर सकें तथा विदेशों में बालाघाट के चावल की मांग का जायजा लेने पहुँचे थे।
भारत सरकार की ईपीसी पॉलिसी कर रही प्रमोट
केसर एग्रोटेक के श्री वैद्य ने बताया कि बालाघाट से भी सीधे विदेशों में चावल एक्सपोर्ट कर सकते है। अभी वे इनडायरेक्ट प्रतिवर्ष 1400 से 1500 एमटी राइस एक्सपर्ट कर रहे हैं। डायरेक्ट निर्यात करने में भुगतान समय पर नहीं होने से अभी समस्याएं है। हालांकि अब भारत शासन की ईपीसी पॉलिसी जिसमें एक सप्ताह में बैंक से एक्सपोर्टर को पैसा मिल जाता है। श्री वैद्य ने 18 से 20 फरवरी तक एक्सपो में अलसास क्षेत्र में ट्रेडर्स के साथ प्रोडक्ट डीलिंग पर चर्चाएं की। उन्होंने वहां 30 से 40 ट्रेडर्स के साथ चर्चाएं की।
क्या है ईपीसी ? ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 अच्छा अवसर
निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) सलाहकार निकाय हैं जो भारत सरकार की नीतियों में सक्रिय रूप से योगदान देते हैं और उद्योग और सरकार के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करते हैं। ईपीसी भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने और विदेशी खरीदारों को भारतीय निर्यातकों तक आसानी से पहुँचने के लिए एक तंत्र प्रदान करने के लिए क्रेता-विक्रेता बैठकें, व्यापार मेले/प्रदर्शनियाँ और सूचना बूथ जैसी बड़ी संख्या में प्रचार गतिविधियाँ आयोजित करता है। इस लेख में, हम निर्यात संवर्धन परिषद के साथ पंजीकरण करने की प्रक्रिया को देखते हैं। भोपाल में आयोजित दो दिवसीय 24 व 25 फरवरी का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 एक ऐसा ही अवसर है। जिसमें देश विदेश के बॉयर व सेलर्स मौजुद रहेंगे। जो अपने उत्पादों को एक्सपोट्स करने पर संवाद कर सकते है।
गुयाना सोमानिया बेनिन टोगो सहित गल्फ देश में ज्यादा अवसर
श्री वैद्य ने बताया कि वर्तमान समय में मप्र में भी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए शासन आगे आ रही है। इससे देश विदेश में निवेश और प्रोक्योरमेंट के साथ ही एक्सपोर्ट में ज्यादा अवसर मिल सकेंगे। अभी आईआर-64 अफ्रीकन देशों में गुयाना, सोमालिया, बेनिन टोगो सहित गल्फ के देशों में पसन्द किया जा रहा है। इससे आगे भी सम्भावनाये असीमित है।