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    धी सागर अभ्यारण में हिंसक पशु चीता को छोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण, 25000 हजार गौमाताओं को अभ्यारण से पलायन को विवश होना पड़ेगा, किसान नेता जोकचन्द का आारोप

    महावीर अग्रवाल

    मंदसौर, पिपलिया स्टेशन ;अभी तक ;   गांधीसागर अभ्यारण में भाजपा सरकार ने चीता प्रोजेक्ट लांच कर अभ्यारण के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों से करीब 25000 हजार से भी अधिक गौ माता को मौत के मुंह में धकेल दिया। अभ्यारण के पास किसानों का बड़ा दूध उत्पादक व्यवसाय रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से यह व्यवसाय भी ध्वस्त हो जाएगा। 25600 हेक्टर जमीन अधिग्रहित कर लोहे की जालियां लगाकर चीतों को छोड़ दिया है, जो गौमाता के साथ अन्याय है।

    मल्हारगढ़ विधानसभा प्रत्याशी रहे, किसान नेता श्यामलाल जोकचंद्र ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया महात्मा गांधी ने पूरे विश्व में सत्य अहिंसा की जोत जलाई। जीवन भर हिंसा के विरूद्ध आवाज उठाई। सत्य अहिंसा के बल पर अंग्रेजो से आजादी दिलाई। दुर्भाग्य से उन्हीं के नाम से गांधी सागर अभ्यारण में गांधी की आत्मा को झकझोर देने वाला कृत्य भाजपा सरकार ने कर गोमाता के स्वच्छंद विचरण पर रोक लगा दी।

    जोकचन्द ने बताया भाजपा गो रक्षा का ढोंग करती है, गोमाता के नाम से देश में दंगे तक करवाती है, गाय बचाने का ढिंढोरा पिटती है लेकिन गायांे की उपस्थिति में हिंसक पशु को छोड़ कर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रही है। किसानों की बेश कीमती जमीन अभ्यारण में वन विभाग के कब्जे में पहले ही चली गई। उनके पास खेती करने के लिए जमीन नहीं बची थी। पलायन की स्थिति निर्मित थी, फिर भी  किसानों ने वन को संरक्षित करने के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया और उसी जमीन में रच बस गए, गौ पालन के साथ ही दूध से जुड़े व्यवसाय करने लगे। परन्तु किसानों के इस मजदूरी पर भी भाजपा के जनप्रतिनिधियों की बुरी नजर लग गई और चिता प्रोजेक्ट के नाम से आसपास की पच्चीस हजार से अधिक गौमाताओं का निवाला छीनते हुए उन्हें बे दखल कर चीते छोड़ दिए। अब गोमता कहां जाए। जोकचंद्र ने बताया ग्रामीणों का दूध का व्यवसाय प्रभावित होकर वे बेरोजगार बन गए है, निश्चित जनता का कहर भाजपा पर टूटेगा।

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