महावीर अग्रवाल
मंदसौर , आकोदड़ा ३ अप्रैल ;अभी तक ; मंदसौर से मात्र 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत आकोदड़ा में स्थित मगरा का माताजी मंदिर जो कालका माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है यहां नवरात्रि में भक्तों का तांता लगा हुआ है। यहां आने वाले भक्तों की मुरादें पुरी होती है। अंधत्व, लखमा और असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है ।
यहां रोगी को सोए सोए लाते हैं और मातारानी के चमत्कार से रोगी स्वयं ठीक होकर पैदल-पैदल घर जाता है। ऐसे कई चमत्कार यहां देखने को मिलता है।
ऐसी किदवंती है कि यति लोगो ने आकाश में उड़ते हुए इस मंदिर को यहां स्थापित कर दिया। यहां चैत्र नवरात्रि में मेले का आयोजन किया जाता है ग्राम पंचायत के तत्वाधान में सांस्कृतिक और आर्केस्ट्रा के साथ साथ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी आयोजन भी किया जाता है ।
ग्राम पंचायत के सरपंच कारूलाल पाटीदार ने बताया कि यह मेला आकोदड़ा सहित 24 गांव के सहयोग से संचालित किया जाता है मंदिर का ट्रस्ट बना हुआ है वर्ष भर शनिवार रविवार को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था भी की जातीं हैं वहीं दोनों नवरात्रि में नौ दिनों तक भण्डारा चलता है। अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं इस धार्मिक आयोजन में बढ़ चढ़कर श्रमदान और अर्थदान करती है। जय माताजी युवा ग्रुप द्वारा सेवा का प्रकल्प पूरा किया जाता है। 11 वर्षों से निशुल्क चाय की व्यवस्था इस ग्रुप के माध्यम से की जाती है वहीं दूसरी ओर इस वर्ष हजारों भक्तों के लिए निशुल्क ठंडे पानी की व्यवस्था ग्रुप के द्वारा की जा रही है।
मगरा का माताजी मंदिर परिसर से लगी हुई कमल मुनि कमलेश गौशाला भी यहां संचालित की जा रही है जिसमें भक्तों और सेवादारों द्वारा गौ माता को माता के समान ही रखा जाता है समय पर चारा पानी के साथ-साथ बीमार गौ माता को नियमित इलाज भी दिया जा रहा है। गौशाला प्रबंधन समिति के सचिव श्री दयाराम पाटीदार ने बताया कि सेवा करना हमारा दायित्व है और इस गौशाला को प्रसिद्ध करना हमारा लक्ष्य है सभी लोग इसमें सहयोग कर रहे हैं यह सकारात्मक सहयोग ही गौशाला के विकास में ऊर्जा का संचार कर रही है।
यहां रोगी को सोए सोए लाते हैं और मातारानी के चमत्कार से रोगी स्वयं ठीक होकर पैदल-पैदल घर जाता है। ऐसे कई चमत्कार यहां देखने को मिलता है।
ऐसी किदवंती है कि यति लोगो ने आकाश में उड़ते हुए इस मंदिर को यहां स्थापित कर दिया। यहां चैत्र नवरात्रि में मेले का आयोजन किया जाता है ग्राम पंचायत के तत्वाधान में सांस्कृतिक और आर्केस्ट्रा के साथ साथ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी आयोजन भी किया जाता है ।
ग्राम पंचायत के सरपंच कारूलाल पाटीदार ने बताया कि यह मेला आकोदड़ा सहित 24 गांव के सहयोग से संचालित किया जाता है मंदिर का ट्रस्ट बना हुआ है वर्ष भर शनिवार रविवार को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था भी की जातीं हैं वहीं दोनों नवरात्रि में नौ दिनों तक भण्डारा चलता है। अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं इस धार्मिक आयोजन में बढ़ चढ़कर श्रमदान और अर्थदान करती है। जय माताजी युवा ग्रुप द्वारा सेवा का प्रकल्प पूरा किया जाता है। 11 वर्षों से निशुल्क चाय की व्यवस्था इस ग्रुप के माध्यम से की जाती है वहीं दूसरी ओर इस वर्ष हजारों भक्तों के लिए निशुल्क ठंडे पानी की व्यवस्था ग्रुप के द्वारा की जा रही है।
मगरा का माताजी मंदिर परिसर से लगी हुई कमल मुनि कमलेश गौशाला भी यहां संचालित की जा रही है जिसमें भक्तों और सेवादारों द्वारा गौ माता को माता के समान ही रखा जाता है समय पर चारा पानी के साथ-साथ बीमार गौ माता को नियमित इलाज भी दिया जा रहा है। गौशाला प्रबंधन समिति के सचिव श्री दयाराम पाटीदार ने बताया कि सेवा करना हमारा दायित्व है और इस गौशाला को प्रसिद्ध करना हमारा लक्ष्य है सभी लोग इसमें सहयोग कर रहे हैं यह सकारात्मक सहयोग ही गौशाला के विकास में ऊर्जा का संचार कर रही है।