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    निजी भूमि पर अवैध उत्खनन के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे राकेश टेंभरे एवं उनके परिवारजनों को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया

    आनंद ताम्रकार

    बालाघाट १२ फरवरी ;अभी तक ;  जिले के कटंगी अनुविभाग स्थित तिरोड़ी तहसील के पौनिया गांव में अपनी ही पैतृक कृषि भूमि से खनिज के अवैध उत्खनन करने और उसके एवज में कुछ भी मुआवजा ना देने के आरोप लगाते हुये जांच एवं कार्यवाही किये जाने की मांग को लेकर विगत 2 फरवरी से आमरण अनशन पर बैठे राकेश टेंभरे एवं उनके परिवारजनों को कल 11 फरवरी को देर शाम पुलिस द्वारा स्वास्थ्य बिगडने पर  उन्हें बलात उठाकर शासकीय अस्पताल कटंगी में भर्ती करा दिया गया। जहां उनका इलाज किया जा रहा है।

                                 अनशनरत टेंभरे परिवार के प्रति सहानुभूति रखते हुए कटंगी क्षेत्र के विधायक गौरव पारधी ने इंस्टाग्राम में संदेश भेजकर कहा है की ग्राम पौनिया में टेंभरे परिवार की 80 डिसमिल भूमि पर सुखदेव प्रसाद गोयनका कंपनी द्वारा किये जा रहे अवैध उत्खनन के विरोध में पिछले 9 दिनों से आमरण अनशन किया जा रहा है था आज मैंने मौके पर पहुंचकर अनशनरत परिवार से भेट की और खदान का निरीक्षण किया और पाया की खनिज एवं पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए संचालित की जा रही है।

                            इस संबंध में मैंने आज कलेक्टर बालाघाट और पर्यावरण विभाग को पत्र लिखकर अनाधिकृत रूप से किये गये उत्खनन के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही किये जाने की मांग की है ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकें।
    उन्होने यह भी आरोप लगाया है कि गोयनका कंपनी द्वारा ग्राम के कुछ लोगों को भडकाकर गरीब टेंभरे परिवार के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसकी मैं निंदा करता हूं ऐसे कृत्य सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाले है।

    इन्ही विंसगतियों के चलते राकेश दुलीराम टेंभरे ने माननीय राष्ट्रपति महोदय को 11 फरवरी को पत्र प्रेषित करते हुये अन्याय एवं अत्याचार से के कारण इच्छा मृत्यु की अनुमति हेतु निवेदन किया है। पत्र में यह उल्लेख किया गया है की अत्यंत पीड़ा और अन्याय से त्रस्त होकर यह पत्र लिख रहा हूं की यदि आगामी 2 माह के भीतर मेरी पैतृक भूमि पर हो रहे अवैध उत्खनन एवं अत्याचार के विरोध ठोस कार्यवाही नही की जाती है तो कृपया मुझे इच्छा मृत्यु मर्सी किलिंग की अनुमति प्रदान करें।

    पत्र में यह उल्लेख किया है की हमारी पैतृक भूमि पर सुखदेव प्रसाद गोयनका फर्म द्वारा बलपुर्वक खुदाई और ब्लास्टिंग की गई। ग्राम सभा के लिये आरक्षित चारागाह भूमि खसरा नंबर 523/1,523/2,523/3 में अवैध रूप से खनन के लिये उपयोग किया गया। गोयनका फर्म के विरूद्ध जब मैने अवैध खनन का विरोध किया तो मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई और मारपीट की गई जिसके कारण मेरे पिता की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई।

    मेरे द्वारा शिकायत किये जाने के बावजूद स्थानीय अधिकारी ने कोई कार्यवाही नही की और खनिज माफिया को बचाने के लिये गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की मेरी कृषि भूमि से अनुमानित 500 करोड रूपये मूल्य को मैगनीज निकाला गया और सरकार को राजस्व की हानि पहुचाई गई और मेरी भूमि गहरी खाई में परिवर्तित हो गई इस तरह निरंतर न्याय की अनदेखी और मेरे साथ किये जा रहे अन्याय को लेकर मुझे यह कदम उठाना पड़ रहा है।
    मेरी ओर न्याय पाने के  लिये यह अंतिम अपील।

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