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    नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरण के विरोध में मध्यप्रदेश शिक्षक संघ ने दिया ज्ञापन

    महावीर अग्रवाल

    मन्दसौर ११ जून ;अभी तक ;   मध्यप्रदेश शिक्षक संघ जिला मंदसौर के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर  ज्ञापन प्रस्तुत किया।
    लोक शिक्षण संचालनालय के द्वारा शिक्षकों की स्थानांतरण नीति 2025 को ताक में रखकर मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के जिला सचिव श्री भरतलाल पोपण्डिया का स्थानांतरण हाई स्कूल एरिया मंदसौर जिले से नीमच जिले के दूरस्थ विद्यालय पलासिया में किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अनुसार किसी भी मान्यता प्राप्त संगठन के अध्यक्ष सचिव एवं कोषाध्यक्ष का स्थानांतरण उसकी दो पदावली या अधिकतम 4 वर्ष से पहले नहीं किया जा सकता है, ऐसे सभी नियमों को ताक में रखकर प्रदेश के सबसे बड़े संगठन मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के जिला सचिव का इस प्रकार नियम विरुद्ध स्थानांतरण करने से पूरे प्रदेश में संगठन में रोष व्याप्त है।
    इसका विरोध दर्ज करवाने एवं प्रशासन को अपनी भूल सुधार करने हेतु संगठन के द्वारा जिला स्तर पर ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया गया उसमें मांग की गई की नियम विरुद्ध किए गए उक्त स्थानांतरण आदेश को तुरंत निरस्त कर जिला सचिव की पदस्थापना यथावत रखने हेतु नवीन आदेश प्रसारित किया जाए।
    इस अवसर पर प्रांतीय संगठन मंत्री हिम्मतसिंह जैन, प्रांतीय कोषाध्यक्ष विनोद कुमार पुनी, शिक्षक सम्मान प्रांतीय प्रकोष्ठ प्रमुख अखिलेश मेहता, प्रांतीय सह मीडिया प्रभारी रामचंद्र मालवीय, संभागीय अध्यक्ष शंकरलाल आंजना, जिला संगठन मंत्री  मोतीलाल फरक्या, जिला अध्यक्ष विक्रम शर्मा, जिला सचिव भरतलाल पोपण्डिया, जिला कोषाध्यक्ष कांतिलाल राठौर एवं मन्दसौर ब्लॉक अध्यक्ष, ब्लॉक सचिव, तहसील अध्यक्ष, तहसील सचिव,सहित लगभग 120 की संख्या में कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर ज्ञापन का वाचन कर कलेक्टर प्रतिनिधि को दिया गया।
    ज्ञापन के समय उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रांतीय संगठन मंत्री हिम्मतसिंह जैन ने कहा है मध्य प्रदेश शिक्षक संघ राष्ट्रहित,शिक्षा हित, छात्र हित को अग्रणी कर उसके बाद शिक्षक हित की बात करने वाला प्रांत का सबसे बड़ा संगठन है हमारे लिए यह विचारणीय बात है की जिला स्तर के पदाधिकारी का इस तरह नियम को ताप में रखकर नियम विरुद्ध स्थानांतरण कर दिया गया है मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ज्ञापन देने की अपनी परंपरा में विश्वास नहीं करता है क्योंकि मध्य प्रदेश शिक्षक संघ हमारा विद्यालय हमारा तीर्थ की भावना को लेकर अपनी ऊर्जा का उपयोग विद्यालय एवं विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए करता है लेकिन आज हमारी मजबूरी है कि हमारे कार्यकर्ता के नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरण के लिए हमें यहां ज्ञापन देने के लिए भारी गर्मी में उपस्थित होना पड़ा। शासन ने 2025 के लिए एक निश्चित स्थानांतरण नीति का निर्माण किया है तथा उसी के अनुसार स्वैच्छिक एवं प्रशासनिक स्थानांतरण किए जाने थे । आपने बताया की वर्तमान शासन प्रणाली में किसी भी स्थानांतरण की प्रक्रिया स्थानीय मंडल अध्यक्ष या संबंधित विधायक की टीम के उपरांत ही प्रारंभ होती है किंतु संगठन के द्वारा पता करने से ज्ञात हुआ है कि स्थानीय विधायक की इस स्थानांतरण के संबंध में कोई अनुशंसा नहीं की गई है इसके बाद भी यदि स्थानांतरण किसी अन्य श्रृंखला के माध्यम से किया गया तो यह संगठन के लिए एक चुनौती एवं विचारणीय बात है। आपने यह भी बताया कि राज्य शासन से मान्यता प्राप्त किसी भी संगठन के अध्यक्ष सचिव एवं कोषाध्यक्ष के स्थानांतरण उनकी दो पदावधि तक नहीं किया जा सकता । इसके बावजूद संगठन के जिला सचिव का स्थानांतरण किया गया। यदि शीघ्र ही स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर इनकी पद स्थापना यथोचित रखने का नवीन आदेश प्रसारित जारी नहीं किया गया तो मध्य प्रदेश शिक्षक संघ जिला कलेक्टर कार्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठेगा। प्रांतीय शिक्षक सम्मान प्रकोष्ठ प्रमुख श्री अखिलेश मेहता के द्वारा  प्रशासन की इस भूल को सुधार करने की बात करते हुए उक्त कृत्य को निंदनीय बताया, आपने बताया कि मध्य प्रदेश शिक्षक संघ अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों को महत्व देता है और इस प्रकार यदि किसी कार्यकर्ता के साथ में प्रताड़ित करने जैसा राजनीतिक षड्यंत्र रचा जाता है तो शिक्षक संघ इसका घोर विरोध करता है। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ तब तक शांत नहीं बैठेगा जब तक जिला सचिव का स्थानांतरण आदेश निरस्त नहीं किया जाता। संगठन के संभागीय अध्यक्ष श्री शंकर लाल आंजना के द्वारा भी संबोधित करते हुए बताया गया कि यह घोर निंदनीय कृत्य है और हम स्थानांतरण की घोर निंदा करते हुए घोर विरोध करते हैं। प्रशासन कोअपने भूल सुधारते हुए तुरंत नवीन आदेश जारी करना चाहिए। संगठन के जिला अध्यक्ष श्री विक्रम शर्मा ने जिला सचिव के स्थानांतरण के संबंध में प्रशासन को दोषी ठहराते हुए इस कृत्य की घोर निंदा की, आपने बताया कि यह प्रशासक की लापरवाही की एक पराकाष्ठा है की प्रांत के सबसे बड़े मान्यता प्राप्त संगठन के जिला पदाधिकारी को इस प्रकार से प्रताड़ित किया गया। रीति नीति एवं अनुशासित संगठन के पदाधिकारी यदि इस प्रकार राजनीतिक षड्यंत्र के शिकार होंगे तो शिक्षा के क्षेत्र में संगठन कैसे काम कर पाएंगे। क्रांति कोषाध्यक्ष श्री विनोद पुणे ने भी जिला सचिव के स्थानांतरण आदेश के संबंध में शासन प्रशासन को आधे हाथों लेते हुए इसकी घोर निंदा की आपने यह घटना संगठन के मुंह पर राजनीतिक तमाचा मारने वाली बात कही। आपने कहा कि विद्यालय और समाज के साथ राष्ट्र के लिए समर्पित होकर कार्य करने वाला संगठन इस प्रकार राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार नहीं होना चाहिए तथा संगठन के ऊपर इस प्रकार राजनीति हावी नहीं होना चाहिए, यह स्थानांतरण पूर्णता नियम विरुद्ध एवं स्थानांतरण नीति को ताक में रखकर एक तानाशाही राजनीतिक षड्यंत्र है। यह स्थानांतरण आदेश तुरंत निरस्त होकर एक नवीन आदेश जिला सचिव की पद स्थापना यथावत रखने का जारी होना चाहिए यदि ऐसा नहीं होता है तो मध्य प्रदेश शिक्षक संघ जिला स्तर एवं प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश में प्रांतीय स्तर तक आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन करेगा।
    ज्ञापन अवसर पर उपस्थित कई लोगों ने अपने-अपने विचार रखकर आक्रोश जताया एवं शासन के तंत्र में इस प्रकार के तानाशाही लोगों की पहचान कर उन्हें जनता के सामने लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी ने एक और में कहा की मध्य प्रदेश शिक्षक संघ या अन्य नहीं सहेगा जिला सचिव का स्थानांतरण आदेश तुरंत निरस्त होना चाहिए एवं तुरंत नवीन आदेश पद स्थापना यथावत रखने संबंधी जारी होना चाहिए।

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