महावीर अग्रवाल
मंदसौर १९ अप्रैल ;अभी तक ; श्री दिगम्बर जैन बही पार्श्वनाथ चौपाटी पर चल रहे पांच दिवसीय पंचकल्याणक महामहोत्सव के चौथे दिन ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया गया। श्रावकों के जनसैलाब के बीच ऋषभसागर से लेकर वर्धमान मुनिराज के लिए आहारदान हेतु 24 चोके लगाए गए। मन, वचन काया तथा आहार जल की शुद्धता के साथ सैकडों श्रावक श्राविकाओं ने खीर और इक्षुरस से चौबीस महामुनिराज को आहार कराया। दूर-दूर क्षेत्रों तक पंचकल्याणक में ऐसे आयोजन पहली बार हुए। सामान्यतया एक ही तीर्थंकर भगवान का पंचकल्याणक महोत्सव होता है, परन्तु यहां 24 भगवान के एक साथ पंचकल्याणक महोत्सव अद्भुत व अद्वितीय है। प्रमुख आहारदाता राजा श्रेयांस के रूप श्री विजयेन्द्र कुमार, संतोष सेठी मंदसौर और राजा सोम के रूप में श्री लिखित सुरभि पाटनी अकोला ने सौभाग्य अर्जित किया। आहार की क्रियाएं बाल ब्रह्मचारी संजय भैया ने सम्पन्न कराई।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में आचार्य श्री वर्धमानसागरजी महाराज ने कहा प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के काल में आहार की विधि कोई नहीं जानता था अतः ऋषभमुनिराज को 6 माह तक आहार नहीं मिला। राजा श्रेयांस को आहार विधी का ज्ञान हुआ तब नवधा भक्ति के साथ पूर्ण विधि पूर्वक मुनिराज को आहार दिया गया। आचार्यश्री ने कहा कर्मभूमि में आहार दान श्राावक का कर्तव्य है। आहार विवेक व विधिपूर्वक देने वालों को सातिशय पूण्य का बंध होता है। समोशरण से आचार्य श्री की दिव्य देशना हुई।
इस अवसर पर महोत्सव समिति अध्यक्ष श्री शांतिलाल बड़जात्या ने बताया कि आचार्य श्री द्वारा आज 20 अप्रैल को दो मुनि दीक्षा भी प्रदान की जा रही है।
मीडिया प्रभारी डॉ. चंदा कोठारी ने बताया ब्रह्मचारी राजेश जैन मेड़ता व सुरेशचन्द्र जैन जयपुर की मुनि दीक्षा भी 20 अप्रैल को होगी। प्रातः 6 बजे मोक्षकल्याणक व 8 बजे से दीक्षा संस्कार प्रारंभ होंगे।