महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २ अप्रैल ;अभी तक ; पतंजलि योगपीठ हरिद्वार स्वामी रामदेव के शिष्य स्वामी समग्रदेव पतंजलि वैलनेस के प्रमुख प्रवास के दौरान भगवान पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन करने पहुंचे पूजा अर्चना की जहां संस्था के राज्य कार्यकारिणी सदस्य महेश कुमावत, सरक्षक बंसीलालटॉक, नीरज नीमें, आशीष गौड़, दशरथ बैरागी, गोपाल दुबे, मनीष भावसार, सुनील जोशी आदि पतंजलि संस्था के पदाधिकारियों द्वारा उनका स्वागत किया गया। मंदिर के शयन आरती मण्डल द्वारा भी स्वामी समग्र देव का स्वागत सत्कार हुआ।
अपने उद्बोधन में स्वामी ने कहा कि बहुत अच्छा लगता है जब हम ऐसे किसी प्राचीन स्थल पर आकर अपने इष्ट को अपने आराध्य को स्मरण करते हैं दर्शन करते हैं मन को बड़ा ही आनंद और सुकून मिलता है,अभी नवरात्र चल रहे हैं ऐसे में मेरा सौभाग्य है कि यहां आना हुआ उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव जी की जो संकल्पना है आज बहुत ज्यादा चाहे अध्यात्म हो चाहे योग आयुर्वेद हो उसके लिए लोग बहुत प्रमाद कर रहे है। योग और आध्यात्म को लेकर जागरूक नहीं हुए तो उसके बहुत दुष्प्रभाव होने वाले हैं। अगर आप योग नहीं करते हैं अध्यात्म से नहीं जुड़ते हैं धर्माे रक्षित रक्षिताह अगर जीवन में योग और अध्यात्म होगा तभी धर्म की रक्षा होगी।
हमारा सनातन धर्म बहुत पुराना है जब अंग्रेजी नव वर्ष आता है तो युवाओं में बहुत उत्साह दिखता है और जब हमारा नव वर्ष आता है तब युवाओं में बहुत प्रमाद देखने को मिलता है सभी से निवेदन है कि सभी योग आयुर्वेद और अध्यात्म से जुड़े जब जीवन में योग होगा तभी हम निरोगी बनेंगे सहयोगी बनेंगे। समाज राष्ट्र के लिए उपयोगी बनेंगे अगर आप योग नहीं करेंगे तो स्वस्थ नहीं रह सकते चाहे शारीरिक रूप से हो या मानसिक रूप से तो आप सभी योग करें अपने जीवन को दिव्य बनाए सेवा में लगाए अपने सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी संकल्पबद्ध हो प्रतिबद्ध हो सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं मंगल कामनाएं पशुपतिनाथ समिति का आभार व्यक्त किया।
पशुपतिनाथ मंदिर पुजारी राकेश शास्त्री,शयन आरती मण्डल सदस्य महेश गोस्वामी,अंकित भावसार,वीरेन्द्र राजपूत, नितिन, शुभम, शिवम, विद्या भावसार,रानीभावसार, एवम्ं शिवना पुत्र मनीष जी भावसार आदि उपस्थित रहे।
पशुपतिनाथ मंदिर पुजारी राकेश शास्त्री,शयन आरती मण्डल सदस्य महेश गोस्वामी,अंकित भावसार,वीरेन्द्र राजपूत, नितिन, शुभम, शिवम, विद्या भावसार,रानीभावसार, एवम्ं शिवना पुत्र मनीष जी भावसार आदि उपस्थित रहे।