महावीर अग्रवाल
मंदसौर 30 मार्च ;अभी तक ; जिले में वर्षा जल की बूंद-बूंद बचाने का “जल गंगा संवर्धन” महा अभियान गुड़ी पड़वा के दिन से शुरू हुआ। भगवान पशुपतिनाथ की नगरी मंदसौर स्थित शिवना के तट पर सांसद श्री सुधीर गुप्ता, राज्य सभा सांसद श्री बंशीलाल गुर्जर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग, पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, जनपद अध्यक्ष श्री बसंत शर्मा ने मां शिवना की पूजन के साथ “जल गंगा संवर्धन अभियान” का विधिवत शुभारंभ किया। शुभारंभ की पश्चात सभी ने मिलकर शिवना के तट पर श्रमदान किया। तट पर साफ सफाई की, वहां से जलकुंभी को तगारी में भरकर ट्रालियों में डाली। यह अभियान ग्रीष्म ऋतु में 30 जून तक 90 दिन से अधिक समय तक लगातार चलेगा। शुभारंभ अवसर पर डीएफओ श्री संजय रायखेरे, अपर कलेक्टर श्रीमती एकता जायसवाल, सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन, मंदसौर एसडीएम, सभी जनप्रतिनिधि, जिला अधिकारी, जन अभियान परिषद, समाजसेवी, पर्यावरण प्रेमी, पत्रकार मौजूद थे।
*सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने सभी को जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत स्वच्छता की शपथ दिलाई*
मंदसौर नगर, प्रदेश और देश के पर्यावरण को सुरक्षित रखने एवं संरक्षित करने के लिए में शपथ लेता हूँ कि मैं अपने तन, मन और धन से अपना योगदान सहर्ष और स्वैच्छा से प्रदान करूँगा। मैं शपथ लेता हूं कि माँ शिवना को प्रदूषण से बचाने के लिए और उसे स्वच्छ रखने के लिए मैं अपना संपूर्ण योगदान दूँगा और मित्रों को प्रेरित करूँगा।
जल संरक्षण के इस अभियान से भूजल स्तर में सुधार आएगा। पानी की बूंद-बूंद सहेजना का काम होगा, मध्यप्रदेश सरकार जन, जल, जंगल, जमीन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए संकल्पित है। “जल गंगा संवर्धन अभियान” जल की प्रचुर उपलब्धता और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा। जल संवर्धन अभियान में जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, उद्यानिकी एवं कृषि सहित 12 से अधिक अन्य विभाग साथ मिलकर जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के कार्य करेंगे। अभियान की थीम ‘जन सहभागिता से जल स्त्रोतों का संवर्धन एवं संरक्षण’ रखी गई है।
जल संचय की विभिन्न गतिविधियां संचालित करने जैसे – पौध-रोपण, जल स्रोतों का पुनर्जीवन, ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम चलाने, स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने, ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब, नदियों पर छोटे बांध निर्माण एवं नदियों के संरक्षण के लिए जलधारा के आसपास फलदार पौधों के रोपण और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के प्रमुख चौराहों पर प्याऊ की स्थापना के कार्य होंगे।
*जल गंगा संवर्धन अभियान में होंगे महत्वपूर्ण कार्य*
जल गंगा संवर्धन अभियान” में होंगे महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे जिसमें पंचायत स्तर पर तालाबों के निर्माण, वन्य जीवों के लिए वन क्षेत्र और प्राणी उद्यानों में जल संरचनाओं के पुनर्विकास के कार्य किये जायेंगे। लघु एवं सीमांत किसानों के लिए नए खेत-तालाब बनाए जाएंगे।
ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व के तालाबों, जल स्त्रोतों एवं देवालयों में कार्य किए जाएंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग नए तालाबों का निर्माण करेगा। नदियों के वॉटर शेड क्षेत्र में जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य होंगे। नदियों की जल धाराओं को जीवित रखने के लिए गेबियन संरचना, ट्रेंच, पौध-रोपण, चेकडैम और तालाब निर्माण पर जोर दिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी चौपाल आयोजित होंगी। स्थानीय लोगों को जल संरचनाओं के रख-रखाव के लिए जागरूक किया जाएगा। प्रत्येक गांव से महिला-पुरुष का चयन कर जलदूत तैयार किए जाएंगे। सीवेज का गंदा पानी जल स्त्रोतों में न मिले, इसके लिए सोक पिट निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा। नहरों के संरक्षण, जलाशयों से रिसाव रोकने, तालाबों की पिचिंग, बैराज मरम्मत कार्य होंगे। नगरीय विकास एवं आवास विभाग जल संरचनाओं के संवर्धन का कार्य करेगा।
नहरों को मार्क कर विलेज-मेप पर “शासकीय नहर” के रूप में अंकित किया जाएगा। बांध तथा नहरों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।