महावीर अग्रवाल
प्रथम वक्ता के रूप में डॉ. वीणा सिंह ने अपनी प्रस्तुति में भरत मुनि के नाट्यशास्त्र की विशेषताएं एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उनकी प्रासंगिकता विषय पर चर्चा की। आपने बताया कि नाट्य शास्त्र के कई ऐसे अंग है जिनका उपयोग वर्तमान कला माध्यमों में स्टोरी टेलिंग की प्रक्रिया में किया जा सकता है।
डॉ. एस.पी. पंवार ने अकादमिक एवं औद्योगिक क्षेत्र के आपसी संबंध एवं नवाचारों का उच्च शिक्षा में वर्कफोर्स तैयार करने पर प्रभाव विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। आपने उच्च शिक्षा में अकादमिक प्रक्रिया में किया जा रहे नवाचारों का महत्व बताया कि किस तरह सही दिशा में उठाए गए कदम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापक एवं स्टडी क्लब प्रभारी डॉ. ललिता लोधा ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. डी.सी.गुप्ता, डाॅ. आर.के वर्मा, डाॅ. आर.के. व्यास, प्रो. खुशबू मंडावरा सहित अन्य प्राध्यापकगण उपस्थित थे।