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    पुलिस की गिरफ्त में आया ऐसा सूदखोर, जिसका ब्याज खत्म नहीं होता

    मोहम्मद सईद
    शहडोल 25 अप्रैल अभी तक। संभाग अंतर्गत अनूपपुर जिले की पुलिस द्वारा माफिया के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। अनूपपुर जिले की पुलिस ने अब एक बड़े सूदखोर को गिरफ्तार किया है। यह सूदखोर इतना शातिर था कि वह कर्ज लेने वालों से कोरे चेक पर हस्ताक्षर करा कर अपने पास रख लेता था और ब्याज पर ब्याज वसूल करता था। इतना ही नहीं कर्ज की अदाएगी ना करने वालों के वाहन भी वह अपने कब्जे में कर लेता था।
                                           पुलिस अधीक्षक अनुपपुर मोती उर रहमान से शिवदास राठौर उम्र 28 वर्ष निवासी वार्ड नं. 01 सामतपुर जिला अनूपपुर ने शिकायत की थी कि आर्थिक तंगी के चलते मजबूरीवश उसने चेतना नगर, अनूपपुर आरसीएम दुकान के संचालक सुरेश सिहं पंवार से अक्टूबर 2022 में पचास हजार रूपए का कर्ज लिया था। उसके बदले सुरेश सिंह पंवार ने बैंक एकाउण्ट के कोरे चेकों पर हस्ताक्षर कराकर ले लिए थे। शिकायतकर्ता शिव दास ने बताया कि अब तक 95 हजार रूपए देने के बाद भी सुरेश सिहं पंवार द्वारा मूलधन 50 हजार रूपए बकाया होना कहकर डराया धमकाया जा रहा है और बैंक के चेक को न्यायालय में लगाकर कोर्ट से नोटिस भी करा दिया है।
                                      पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल टीआई कोतवाली अरविन्द जैन के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया तथा शिवदास राठौर की रिपोर्ट पर सूदखोर के विरूद्ध  कोतवाली अनूपपुर में धारा 420 भादवि. 3,4 म.प्र. ऋणियों का संरक्षण अधिनियम दर्ज किया गया। इसके बाद सूदखोर सुरेश सिहं पंवार पिता जयकरण सिहं पंवार उम्र 52 साल निवासी वार्ड नं. 14 चेतना नगर अनूपपुर की आर.सी.एम. दुकान एवं बंगले पर रेड कार्यवाही कर पुलिस ने सूदखोर सुरेश को गिरफ्तार कर लिया।
                                      पुलिस द्वारा रेड कार्यवाही में 37 पीड़ित कर्जदारों के आरोपी द्वारा अपने पास जमा कराए गए विभिन्न बैंको के कोरे चेक तथा कर्ज लिये जाने के संबंध में कर्जदारों से लिखवाये गये कई शपथ पत्र जप्त किये गये है, साथ ही आरोपी के घर से कर्जदारों के खड़े कराए गए 07 वाहन बाइक हीरो होण्डा स्पेलण्डर एम.पी. 65 एम डी 6404, बजाज डिस्कवर एम.पी. 18 एम. डी 8284, बजाज प्लेटिना एम.पी. 54 एम 3027, हीरो साईन एम.पी. 65 एम ई 8382,  होण्डा सी जी 31 डी 3401, मोपेड होंडा एमपी 65 S 7299 और मारूती सुजुकी जेन कार एमपी. 18 सी 1965 को जब्त किया गया है। आरोपी के कब्जे से सूदखोरी का हिसाब किताब रखने में प्रयुक्त स्कूली कापियां भी जब्त की गई है। कोतवाली पुलिस द्वारा अब इस बात की भी जांच की जा रही है कि अब तक आरोपी सूदखोर सुरेश सिहं पंवार ने कितने जरूरतमंदो को कर्ज के जाल में फंसाकर ब्याज वसूला है और अपना शिकार बनाया है।
                                        पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान ने अभी तक को बताया कि श्यामसुन्दर मिश्रा उम्र 48 वर्ष निवासी वार्ड नं. 09 बाबा कालोनी अनूपपुर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि कोरोना महामारी के समय आर्थिक तंगी के चलते वर्ष 2021 में आरसीएम दुकान के संचालक सुरेश सिहं पंवार से 5 लाख रूपए का कर्जा लिया था जिस पर सुरेश सिंह ने उसके बैंक के कोरे चेक रख लिए थे। लेकिन अब तक 7 लाख 50 हजार ब्याज देने के बाद भी सुरेश सिहं पंवार द्वारा मूलधन 50 हजार रुपए बकाया होना बताकर परेशान किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कोतवाली अनूपपुर में धारा 318(4) बी.एन.एस. एवं 3.4 म.प्र. ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 में एक अन्य अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।
    सूदखोर ने आपदा को बनाया अवसर
                                            पुलिस की पूछताछ में यह बात अभी सामने आई है कि कोराना महामारी के समय कई लोगों का व्यापार एवं काम ठप्प हो जाने पर उनकी मजबूरी एवं परेशानियां का लाभ उठाकर सुरेश सिंह ने ऊंची ब्याज दर पर लोगों को कर्जा दिया। जिसके बदले में उनकी मोटर साइकिल, कार एवं सोना-चांदी के जेवर गिरवी रखवा कर ब्याज वसूला जाने लगा। अनूपपुर पुलिस द्वारा अब तक जब्त रिकार्ड के अनुसार करीब 57 लाख 48 हजार रुपए की राशि ब्याज में आरोपी सूदखोर के द्वारा वसूल की जा चुकी है। पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान ने बताया कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि और ऐसे कितने लोग हैं जो इस आरोपी से पीड़ित हैं।
    परेशानी छिपाए नहीं, बताएं-एसपी
                                            पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान ने अनूपपुर जिले के आम जनमानस से अपील की है, कि यदि कोई व्यक्ति किसी सूदखोर के चंगुल में फंस गया है और उसने ली गई राशि से ज्यादा ब्याज दे दिया है और उसके बाद भी उससे अधिक ब्याज वसूल किया जा रहा है तो वह घबराएं नहीं। बल्कि वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर आवेदन दें ताकि ऐसे सूदखोरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा सके।

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