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    प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती ; 10 साल की उम्र में किताब लिख डाली,

    आनंद ताम्रकार
    बालाघाट ३ जून ;अभी तक ;   कहते हैं प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है,उसे जब भी, जहां भी मौका मिलता है,अपना स्थान खुद बना लेती है। बालाघाट नगर के नन्हें प्रतिभाशाली बच्चे ने एक बार फिर यह बात साबित कर दिखाई है। हम बात कर रहे है बालाघाट नगर के नये श्रीराम मंदिर के सामने निवासरत वैभव रूसिया के पुत्र विहान रूसिया की, जिसने 5 साल की उम्र से पर्यावरण और सोल्र सिस्टम से आधारित कहानियां पढ़ी थीं, और 10 साल की उम्र में खुद ही एक किताब लिख डाली,
                                         परिजनों की माने तो विहान पर्यावरण के प्रति ऐसा जागरूक हुआ कि उसने अपनी जागरूकता को एक किताब में बदलने के लिए रचनात्मक कदम उठाया। यह कहानी बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देने का एक अच्छा उदाहरण है। विहान के पिता वैभव रूसिया की माने तो 22 अप्रैल अर्थडे पर जन्मे विहान की प्रारंभ से ही पुस्तकों में खासी रूचि रही, 5 साल की उम्र से वह पर्यावरण से प्रेरित कहानियाँ पढ़ता था। इस उम्र में ही उसे पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा हो गई। धीरे-धीरे उसने पर्यावरण के बारे में और जानने और समझने की इच्छा विकसित की। और 10 साल की उम्र में, उसने अपनी इन सभी जानकारियों और विचारों को एक किताब में लिखने का फैसला किया। इस किताब में उसने पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और अन्य संबंधित मुद्दों पर अपनी सोच और ज्ञान को साझा किया। जिसके बाद हमने भी विहान की इस रुचि को बनाए रखने उसके 10 वें जन्मदिन के अवसर पर उक्त पुस्तक का पब्लिकेशन कराया और उसे गिफ्ट के तौर पर सौंपी, आज विहान द्वारा लिखी गई पुस्तक अमेज़न सहित अन्य शॉपिंग कंपनियों में भी उपलब्ध है।

    विहान की मां ने बताया कि 5 साल की उम्र से ही विहान को सोलर सिस्टम को लेकर काफी लगन थी, गुगल का सहारा लेकर वह लगातार सोलर सिस्टम को पृथ्वी के विषय में जानकारी एकत्रित करता रहता था, और उसे नोट करता था, जिसके बाद उसने धीरे-धीरे उसने उस नोट्स के सहारे एक पूरी बुक तैयार कर ली, जो कि अन्य बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देने का एक अच्छा उदाहरण है। जिससे बच्चे भी पर्यावरण के बारे में सीख सकते हैं और अपने ज्ञान को रचनात्मक तरीकों से व्यक्त कर सकते हैं।

    10 वर्षीय विहान ने बताया कि 22 अप्रैल अर्थडे पर उनका जन्मदिन आता है, अर्थ को समझने के लिए वह लगातार पुस्तके पढ़ते रहे, जिसमें उनके माता पिता ने उनका भरपूर सहयोग किया उन्ही की प्रेरणा से आज उन्होने अपनी बुक का नाम भी अ बर्थडे गिफट फॉर अर्थ रखा है।

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