महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ३ फरवरी ;अभी तक ; आप व्यापार व्यवसाय, राजनीति, प्रशासनिक सेवा या अन्य जीवन के किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हों लेकिन यदि आपके अन्दर प्रबन्धन के गुण हैं आप अपने जीवन में अवश्य ही सफलता के शिखर पर पहुंचेंगे ।
उक्त विचार ब्रह्म परिषद व अनुराग संस्था के संस्थापक गोपालकृष्ण पंचारिया ने व्यक्त किए। वे बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा स्थानीय संस्कृत पाठशाला में आयोजित बसंतोत्सव कार्यक्रम में बोल रहे थे।
सनातन संस्कृति की सर्वाेच्चता पर अपनी भावना व्यक्त करते हुए संस्कृत पाठशाला के आचार्य श्री ज्ञानी ने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए पुरातन व नूतन में सामंजस्य स्थापित करना होगा । हमारे अध्यात्म ने, हमारे शास्त्रों ने इस विश्व को एक नई दिशा दी है । हमारी संस्कृत भाषा विश्व की वैज्ञानिक भाषा है । आने वाले समय में एक बार फिर हमारी सनातन संस्कृति व संस्कृत भाषा की श्रेष्ठता प्रमाणित होगी। आपने मॉ सरस्वती के प्रकट स्थल के बारे में जानकारी और बताया कि शंकराचार्य ने उस मंदिर की खोज कर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जो जम्मू कश्मीर प्रांत में स्थित है।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर मॉ सरस्वती की पूजा अर्चना की गई व संस्कृत पाठशाला के बटूकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वेदपाठ किया गया।
इस अवसर पर पं. विनोद शर्मा, पं. अरूण शर्मा, रविन्द्र पाण्डेय,सुनील व्यास, सतीश नागर, दिलीप कुमार दुबे, राजेश शुक्ला, डॉ. प्रवीणसिंह मण्डलोई, चन्द्रकांत शर्मा, कमलेश जोशी, धीरज जोशी, ब्रजेश बिरथरे, पुखराज शर्मा, दिनेश शर्मा, गोपाल शर्मा, प्रतीक व्यास, सुरेश शर्मा, कैलाश उपाध्याय, विनोद तिवारी, शुभम उपाध्याय, विद्या उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पं. ब्रजेश जोशी व पं. अरूण शर्मा ने किया एवं आभार सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष पं. दिलीप दुबे ने माना। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी पवन उपाध्याय ने दी।