महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १४ अप्रैल ;अभी तक ; बाल विवाह सभ्य समाज में एक कलंक की तरह है तो वही यह गैर कानूनी भी है। बाल विवाह मुक्त मध्य प्रदेश बनाने के लिए उपसचिव, मध्य प्रदेश शासन,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रदेश के समस्त कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को दिनांक 14 अप्रैल से 18 अप्रैल तक होने वाली ग्राम सभाओं की बैठकों में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 पर चर्चा करते हुए अधिनियम में निर्दिष्ट प्रावधानों पर जागरूकता के लिए चर्चा करने के निर्देश दिए हैं। उपरोक्त निर्देशों के परिपालन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर द्वारा जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को ग्राम सभाओं की बैठकों में “बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006” पर चर्चा कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैँ। जिससे आम जनमानस को बाल विवाह के दुष्परिणाम पर जागरूक करते हुए बाल विवाह के प्रकरणों में कमी लाई जा सके और जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री पी. सी. चौहान द्वारा बताया गया कि विधि द्वारा विवाह की आयु बालकों के लिए 21 वर्ष एवं बालिकाओं के लिए 18 वर्ष निर्धारित है, यदि किसी बालक अथवा बालिका का निर्धारित आयु से कम होने पर विवाह किया जाता है तो वह बाल विवाह माना जायेगा, और उनके परिवार वालों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी इसके साथ ऐसे विवाहों को प्रोत्साहित करने, उसमें शामिल होने या अपनी सेवाएं देने वाले जैसे बाराती, धर्मगुरु, बैंड बाजा, कैटरिंग, टेंट आदि वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाती है।
श्री चौहान द्वारा बताया गया कि यदि कहीं बाल विवाह हो रहा हो या होने की संभावना हो तो जिला प्रशासन, नजदीकी पुलिस थाना, अनुविभागीय अधिकारी, सीईओ जनपद पंचायत, बाल विकास परियोजना अधिकारी या हेल्पलाइन नंबर्स 100, 1098, 181 पर सूचना दे सकते हैँ।