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    बेटे ने पैतृक भूमि हड़पने के लिये राजस्व के दस्तावेजो में पिता को मृत बताया, 100 वर्षीय वृद्ध पिता अब खुद को जिन्दा साबित करने के लिये चक्कर लगा रहा

    आनंद ताम्रकार

    बालाघाट 4 जून ;अभी तक ;  मैं तो अभी जिंदा हूं यह बताने के लिये 100 वर्षीय वृद्ध पिता कल दिनांक 3 जून को संपन्न हुई जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष उपस्थित हुये। वृद्ध पिता ने कलेक्टर श्री मृणाल मीणा को अपनी व्यथा सुनाते हुये बताया की उसके बेटे ने उसकी पैतृक भूमि को हड़पने के लिये राजस्व के दस्तावेजो में उसे मृत होना बता दिया। इसकी जानकारी जब उन्हें लगी तो वे भौचक रह गये।

                                   लांजी तहसील के उमरी गांव निवासी 100 वर्षीय बुजुर्ग पिता अनाराम ने कलेक्टर को बताया की उसके 3 बेटे हैं जिन्हें पढा लिखाकर काबिल बनाया वे तीनों शिक्षक बन गये इसके बावजूद तीनों में से किसी ने भी उन्हें सहारा नहीं दिया। जबकि उनकी बेटियां उन्हें सहारा देने आगे आई तो उनके एक बेटे ने राजस्व के दस्तावेजों में हेराफेरी कर उन्हें मृत बताते हुये जमीन हड़पने का प्रयास किया। इसी बात से व्यथित होकर अपने मामा के साथ कलेक्टर की जनसुनवाई में वे पहुंचे।

    जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूरस्थ उमरी गांव निवासी अनाराम पिता चिंतु 100 साल की उम्र में चलने फिरने में लाचार हैं। उनके 3 बेटे और 2 बेटियां है बड़ा बेटा प्रभुदास भिमटे 67 वर्श षिक्षक पद से रिटायर हो गया। मंझला बेटा प्रोफेसर है और छोटा बेटा भी षिक्षक ये सभी अलग अलग रहते है किसी ने भी उन्हें अपने पास नही रखा जिसके चलते उन्हें बेटियों के साथ रहकर गुजर बसर करना पढ रहा है। 2 बेटियों में से 1 दिव्यांग है दूसरी विधवा दोनों उसके साथ रहती है।

    उन्होने बताया की 2 वर्श पूर्व उनकी पत्नी कारन बाई की मृत्यु हो गई मृत्यु उपरांत बडे बेटे प्रभुदास ने उनसे कहा की पटवारी को 2 हजार रूपये देने पढेगें जिसके बाद उनका नाम पटवारी रिकार्ड में दर्ज हो जायेगा।  प्रभुदास ने पटवारी को बताया की उनके पिता अनाराम की मृत्यु हो गई है जिसके आधार पर पटवारी रिकार्ड से उनका नाम कटवा दिया।

    अनाराम ने बताया की लांजी उमरी मार्ग पर उसकी 1.25 एकड भूमि है जो सड़क से लगी हुई है जिसकी वर्तमान में 50 से 60 लाख रूपये किमत है इसी जमीन को हडपने की नियत के चलते उसके बेटे ने छलकपट करते हुये उन्हें मृत बताकर ऐसी चालबाजी की है। उन्होने कहा की मैं अपनी भूमि बेटों को ना देकर अपनी दोनों बेटियों को दूंगा जो मेरे बुढापे का सहारा बनी है।

    उनकी व्यथा सुनकर कलेक्टर मृणाल मीणा ने एसडीएम लांजी को मामले की जांच के निर्देश दिये है की पुत्र ने किस तरह दस्तावेजों में हेराफेरी करते हुये पिता को मृत होना बताया। इस मामले में पटवारी की भूमिका की भी जांच की जाएगी जो दोशी पाया जायेगा उस पर कार्यवाही होगी।

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