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    भगवान आदिनाथ का सम्पूर्ण जीवन हम सभी के लिये प्रेरणादायी- श्री विजयमुनिजी

    महावीर अग्रवाल 

    मंदसौर २९ अप्रैल ;अभी तक ;   भगवान श्री आदिनाथ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर है तथा उनका पूरा जीवन हम सभी के लिये प्रेरणादायी है। ऋषभदेव जिसे हम आदिनाथजी भी कहते है वे महान तपस्वी थेउन्होंने दीक्षा लेने के बाद कई दिनों तक उपवास किये, शुद्ध आहार नहीं मिलने के कारण उन्हेांने निरंतर 400 दिवस तक  उपवास किया उनका यही तप वर्षीतप कहलाता है। उन्हीं की प्रेरणा से वर्षीतप करने की परम्परा शुरू हुई है।

    उक्त उद्गार प.पू. जैन संत, कवि रत्न, श्रमण संघ के प्रवतक श्री विजयमुनिजी म.सा. ने शास्त्री कॉलोनी नईआबादी स्थित श्री जैन दिवाकर स्वाध्याय भवन में आयोजित धर्मसभा मेें कहे। आपने मंगलवार को तीन दिवसीय पारणा महोत्सव व तपस्वी बहुमान समारोह के द्वितीय दिवस अक्षय तृतीया पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि जीवन में यदि मोक्ष पाना है तो तप करना पड़ेगा। पूण्य कर्म करना पड़ेता तभी मोक्ष गति मिलेगी। भगवान आदिनाथ भी अपने ग्यारहवें भव में कठिन तप करके मोक्ष गये। आपने प्रभ आदिनाथजी के तपमय जीवन का गुणानुवाद करते हुए कहा कि वे युगलिक काल में जब मानव सभ्यता आकार ले रही थी तब जनकल्याण के उद्देश्य से वे प्रथम राजा बने और सभ्यता संस्कृति के विकास में योगदान देकर वे संयम मार्ग की ओर अग्रसर हो गये। आपने इस अवसर पर चेत्र व वेशाख माह की महत्ता बताते हुए कहा कि प्रथम तीर्थंकर आदिनाथजी व अंतिम तीर्थंकार महावीर का जनम, केवल कल्याण, पारणा व चतुर्विद संघ स्थापना सभी इन दोनों माह से जुड़े है इसलिये दोनों माह में जितने भी पर्व है उन्हें मनावे तथा अपने जीवन को धन्य मनावे।
    धर्मसभा में साध्वी श्री हर्षिताश्रीजी म.सा., श्री दिव्शांशी श्रीजी म.सा. ने भी अपने अमृतमयी प्रवचन दिये। धर्मसभा में साध्वी श्री मंगलप्रभाश्रीजी म.सा., डॉ. मधु स्मिताजी म.सा. का भी सानिध्य रहा। धर्मसभा के उपरांत श्रीमती लीलादेवी सूरजमल तलेरा के वर्षीतप के उपलक्ष्य में सुनील तलेरा व श्रेयांस तलेरा परिवार की ओर से प्रभावना वितरित की गई। संचालन अशोक झेलावत ने किया।
    चौबीसी का हुआ आयोजन- तीन दिवसीय अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव के अंतर्गत प्रतिदिन दोपहर में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। 28 अप्रैल को दोप. में प.पू. जैन साध्वी श्री हर्षिताजी म.सा. के सांसारिक परिवार की ओर से तथा 29 अप्रैल को दोप. में प.पू. मंगलप्रभाजी म.सा. के सांसारिक परिवार की ओर से चौबीसी का आयोजन किया गया। इस चौबीसी में महिलाओं ने बड़ी संख्या में शामिल होकर जैन धर्म के सभी 24 तीर्थंकरों के तप त्यागमय जीवन का गुणानुवाद किया तथा प्रभु तीर्थंकरों की भक्ति के कई गीत भी प्रस्तुत किये गये। दोनों दिवस लाभार्थी परिवार के द्वारा प्रभावा वितरित की गई। चोबीसी की व्यवस्था में नरेन्द्र मेहता परिवार की मनीषा राजीव मेहता, मनीषा डॉ. संजीव मेहता का सराहनीय योगदान रहा।
    आज होेगा वर्षीतप के तपस्वियों का बहुमान-आज 30 अप्रैल को प्रातः 9 से 11 बजे तक संजय गांधी उद्यान में वर्षीतप के तपस्वियों का बहुमान श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, जैन दिवाकर नवयुवक परिषद, श्रमण संघीय महिला मण्डल एवं पारणा महोत्सव के लाभार्थी परिवार नरेन्द्र मेहता, राजीव मेहता, डॉ. संजीव मेहता परिवार के द्वारा किया जावेगा। वर्षीतप के तपस्वियों का प.पू. श्री विजयमुनिजी आदि ठाणा 4 व साध्वी मंगलप्रभाजी आदि ठाणा 4 के पावन सानिध्य में बहुमान होगा। बहुमान के उपरांत संयुक्त स्थानकवासी जैन समाज की गौतम प्रसादी होगी। सभी स्थानकवासी जैन समाज के धर्मालुजन से पधारने की विनती अशोक उकावत, महामंत्री मनोहर नाहटा, मंत्री अशोक झेलावत, नवयुवक परिषद के अध्यक्ष पवन जैन एचएम व लाभार्थी परिवार के नरेन्द्र मेहता ने की है।

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