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    मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारी भी अब अपोलो बिलासपुर में करा सकेंगे इलाज

    मोहम्मद सईद
    शहडोल, 22 मार्च अभी तक। विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में अग्रणी अपोलो हॉस्पिटल समूह की इकाई अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर विगत 24 वर्षों से छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश के नागरिकों को  उच्च गुणवत्ता चिकित्सा उपलब्ध करा रही है। इसी गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए नवीनतम तकनीक व  अनुभवी चिकित्सकों का समावेश लगातार करता रहा है। मध्य प्रदेश शासन द्वारा भी अपने कर्मचारियों के इलाज के लिए अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर को मान्यता प्रदान की गई है। यह जानकारी शनिवार को यहां पत्रकार वार्ता के दौरान अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के जनसंपर्क अधिकारी देवेश गोपाल ने दी।
                                                 उन्होंने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में हर नई तकनीक को अपोलो समूह में सर्वप्रथम अपनाया है और इसी के परिणाम स्वरुप अपोलो बिलासपुर छत्तीसगढ़ एवं आसपास के राज्यों  के लिए आधुनिक फ्लैट पैनल कैथ लेब, एमआरआई, सीटी स्कैन, स्टेट ऑफ़ आर्ट लैब व मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधा सर्वप्रथम उपलब्ध कराई। इसी कड़ी में कैंसर जैसी बीमारी के लिए राज्य एवं आसपास के क्षेत्र के लिए  अत्याधुनिक रेडिएशन मशीन लीनियर एक्सीलेटर को भी  अपोलो कैंसर हॉस्पिटल में  स्थापित किया, जहां कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए मेडिकल सर्जिकल एवं रेडिएशन ऑंकोलॉजी की सभी सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। अपोलो समूह के 14 कैंसर सेंटर एवं 350 से अधिक अनुभव प्रशिक्षित चिकित्सकों की टॉम किसी भी प्रकार के कैंसर के उपचार हेतु प्रतिबद्ध है।
    जनसंपर्क अधिकारी देवेश गोपाल ने बताया कि अनुभवी कुशल चिकित्सकों की  श्रृंखला में अपोलो बिलासपुर में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉक्टर निखिल सिंघानिया व गुर्दा रोग विभाग में डॉक्टर  विनय कुमार  को अपनी टीम में सम्मिलित किया है। डॉ. विनय कुमार ने एमबीएस उपरांत एमडी मेडिसिन गोवा मेडिकल कॉलेज से संपूर्ण की तथा उसके बाद रायपुर एम्स में डीएम नेफ्रोलॉजी का कोर्स कंप्लीट किया है
                                              डॉ निखिल सिंघानिया ने एमबीएस उपरांत अपनी  एम डी की डिग्री चंडीगढ़ से प्राप्त की उसके बाद डीएम कार्डियोलॉजी की पढ़ाई पांडिचेरी से संपूर्ण की। पत्रकार वार्ता में मौजूद दोनों डॉक्टरों का परिचय भी उन्होंने पत्रकारों से कराया।
                                                उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से मरीज अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में अपना उपचार प्राप्त करते रहे हैं और अब मध्य प्रदेश की शासकीय कर्मचारियों में उनके आश्रितों के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर को मान्यता प्रदान की गई है। इस मान्यता के तहत सभी शासकीय कर्मचारी एवं उनके  आश्रित अपोलो हॉस्पिटल के लगभग 16 विभागों में चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर अपने विभाग से प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा के उपरांत मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारी एवं उनके  आश्रितों को  उपचार हेतु महानगरों की ओर नहीं जाना होगा।
                                           उन्होंने यह भी बताया कि अपने  आरंभ से अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में अब तक लगभग 25 हजार एंजियोग्राफी, 9 हजार एंजियोप्लास्टी, 1500  सीएबीजी, लगभग 3 लाख डायलिसिस और 45 किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक संपादित किया जा चुके हैं। मरीजों की सुविधा हेतु ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की सुविधा भी अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में उपलब्ध है।
                                    अपोलो बिलासपुर में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निखिल सिंघानिया ने वर्तमान समय में युवाओं को भी आ रहे हार्ट अटैक के संबंध में बताया कि आज लोगों की जीवन शैली पूरी तरह से बदल गई है। लोग मैदानी खेल से दूर होकर इंडोर गेम और कंप्यूटर में व्यस्त हैं जिसके चलते इस तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं।
                                      डीएम नेफ्रोलॉजी डॉ. विनय कुमार ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि शुगर और ब्लड प्रेशर के कारण इस समय किडनी की बीमारियां बढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि संयमित जीवन शैली और सुबह टहलने व व्यायाम करने से बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है।

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