महावीर अग्रवाल
मंदसौर ४ मई ;अभी तक ; सीतामऊ विकासखंड में आयोजित राज्य स्तरीय कृषक सम्मेलन एवं एग्री हार्टी एक्सपो-2025 के अवसर पर बाएफ लाइवलीहुड्स द्वारा जिले में संचालित एफडीपी वाडी परियोजना के नवाचारों की भव्य प्रदर्शनी लगाई गई। इस परियोजना को एचडीएफसी बैंक की परिवर्तन पहल के सहयोग से बीते तीन वर्षों में 50 ग्रामों के 1200 कृषकों के साथ मिलकर कार्यान्वित किया गया है।
प्रदर्शनी में एफडीपी वाडी मॉडल के अंतर्गत उत्पादित संतरा, नींबू, और अंतरवर्तीय फसलों के रूप में उगाई गई लहसुन, प्याज, मिर्च, टमाटर तथा डालपक पपीता जैसे बहुउपयोगी फसलों का जीवंत प्रदर्शन किया गया, जिसने आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया। इस अवसर पर झाबुआ जिले के रामा विकासखंड में संचालित एचआरडीपी परियोजना के तहत तैयार किए गए बांस हस्तशिल्प उत्पादों को भी झंझाखेड़ी किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उपमुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, कृषि मंत्री श्री ऐदल सिंह कंसाना, बागवानी मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया के साथ इस नवाचार प्रदर्शनी का अवलोकन किया। सभी गणमान्य अतिथियों ने बाएफ की सतत् आजीविका को सशक्त करने वाली इस अभिनव पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्षा दुर्गा विजय पाटीदार तथा शासन स्तरीय उच्च अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बाएफ के रीजनल इंचार्ज जे.एल. पाटीदार ने परियोजना की रणनीति की जानकारी देते हुए बताया कि इस समग्र प्रयास को नाबार्ड के सहयोग से संगठनात्मक रूप में मजबूत करते हुए किसानों को वैल्यू चेन डेवलपमेंट की दिशा में आगे ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदर्शनी में नाबार्ड द्वारा सहयोग प्राप्त बाएफ के झंझाखेड़ी किसान उत्पादक संगठन को विशेष रूप से स्थान दिया गया। इस संगठन द्वारा प्रदर्शित गौ-चारा (साइलेज), मिनरल मिक्चर, वेपकोल उत्पाद, डालपक पपीता तथा वन स्टॉप सेन्टर-अग्रणी कृषि नवाचार केंद्र की समस्त सामग्री ने आगंतुकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। इसके साथ ही ग्राम स्वराज किसान उत्पादक संगठन, मुलथान द्वारा निर्मित जैव उर्वरक बायोप्रोम (स्वराज सुपर फॉस्फो) की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही।
प्रदर्शनी के दौरान किसानों एवं आगंतुकों को बाएफ के विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक नवाचार की तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर बाएफ टीम से जे.एल. पाटीदार, राहुल अदलक, रविंद्र पाटीदार, किशोर डडारे, तथा नाबार्ड के डीडीएम योगेश सैनी उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाया।
इस राज्य स्तरीय मंच पर जिले की वाडी परियोजना को मिली यह पहचान न केवल स्थानीय कृषकों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी, बल्कि आने वाले समय में सतत् कृषि विकास और ग्रामीण आजीविका सशक्तिकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर भी सिद्ध होगी।
बाएफ के रीजनल इंचार्ज जे.एल. पाटीदार ने परियोजना की रणनीति की जानकारी देते हुए बताया कि इस समग्र प्रयास को नाबार्ड के सहयोग से संगठनात्मक रूप में मजबूत करते हुए किसानों को वैल्यू चेन डेवलपमेंट की दिशा में आगे ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदर्शनी में नाबार्ड द्वारा सहयोग प्राप्त बाएफ के झंझाखेड़ी किसान उत्पादक संगठन को विशेष रूप से स्थान दिया गया। इस संगठन द्वारा प्रदर्शित गौ-चारा (साइलेज), मिनरल मिक्चर, वेपकोल उत्पाद, डालपक पपीता तथा वन स्टॉप सेन्टर-अग्रणी कृषि नवाचार केंद्र की समस्त सामग्री ने आगंतुकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। इसके साथ ही ग्राम स्वराज किसान उत्पादक संगठन, मुलथान द्वारा निर्मित जैव उर्वरक बायोप्रोम (स्वराज सुपर फॉस्फो) की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही।
प्रदर्शनी के दौरान किसानों एवं आगंतुकों को बाएफ के विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक नवाचार की तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर बाएफ टीम से जे.एल. पाटीदार, राहुल अदलक, रविंद्र पाटीदार, किशोर डडारे, तथा नाबार्ड के डीडीएम योगेश सैनी उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाया।
इस राज्य स्तरीय मंच पर जिले की वाडी परियोजना को मिली यह पहचान न केवल स्थानीय कृषकों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी, बल्कि आने वाले समय में सतत् कृषि विकास और ग्रामीण आजीविका सशक्तिकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर भी सिद्ध होगी।