महावीर अग्रवाल
मंदसौर २६ मई ;अभी तक ; दमामी दर्पण युवा सेवा संगठन मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष यशवंत दमामी के नेत्रत्व मे केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से भोपाल निवास पर मुलाकात कर दमामी समाज की विभिन्न मांगे रखी और श्री शिवराज सिह चौहान ने आश्वसंन् दिया है कि आपकी मांगे केंद्र मे रखी जायेगी और आपकी जो मांगे राज्य सरकार से वो भी माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र के मध्यम से भेजी जायेगी इस मौके पर दमामी दर्पण युवा सेवा संगठन मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष यशवंत दमामी, जिला ग्रामीण अध्यक्ष अशोक जी दमामी,जिला उपाअध्यक्ष गोपाल जी दमामी
तहसील अध्यक्ष दिलीप को दमामी सुरेश दमामी मंदसौर तहसील उपाध्यक्ष नागेश दमामी तहसील उपाध्यक्ष पुष्कर दमामी ग्रुप सहायक सदस्य सभी संघठन के कार्यकता उपस्थित थे ।9सरकार से हमारी यह विनम्र अपील है कि दमामी समाज के लिए एक विशेष दमामी विकास बोर्ड का गठन किया जाए। यह बोर्ड हमारे समाज के उत्थान के लिए आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक कार्यक्रम चलाएगा। दमामी समाज, जो मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग का हिस्सा है, आज भी सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा हुआ है। हमारे समाज की आजीविका का एकमात्र साधन परंपरागत जजमानी प्रथा रही है। विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों में ढोल बजाना और गाना-बजाना हमारे जीवनयापन का जरिया है। लेकिन, इस प्रथा के चलते हमारा समाज परिसंपत्तियों और आर्थिक स्थिरता से वंचित रहा है।
सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ, जैसे बैंक लोन या अन्य आर्थिक सहायता, हमारे समाज को इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि हमारे पास जमीन, व्यवसाय या अन्य संपत्ति का अभाव है। परिणामस्वरूप, हम पिछड़े वर्ग में होने के बावजूद भी उच्च और निम्न श्रेणी के सामाजिक भेदभाव का सामना करते हैं। दमामी समाज की आबादी लगभग 14 से 15 लाख है, लेकिन इतने बड़े समुदाय के बावजूद, हम आज भी अपन पहचान और हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमारी महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति अत्यंत दयनीय है। पुरुष वर्ग के पास न उच्च पद हैं और न ही बड़े व्यवसाय, जिसके चलते हमारी महिलाएं मजदूरी करने पर विवश हैं और सामाजिक भेदभाव का शिकार होती हैं। दमामी समाज के उत्थान के लिए एक दमामी विकास बोर्ड का गठन किया जाए। यह बोर्ड हमारे समाज को आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए काम करेगा।हमारी यह मांग केवल एक अधिकार की मांग है, ताकि हमारा समाज भी प्रगति के मुख्यधारा में शामिल हो सके। आपसे आशा और विश्वास है कि आप हमारे समाज की इस व्यथा को समझते हुए आवश्यक कदम उठाएंगे