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    वर्ष 2010-11 में किसानों को जारी किये गये भोजन कूपन की आड़ में किये गये अनियमित भुगतान 10,47,954 रूपये के तत्काल वसूली करने के आदेष

    आनंद ताम्रकार
    बालाघाट 1 जून ;अभी तक ;  कृषि उपज मंडी समिति वारासिवनी में वर्ष 2010-11 में ओमसांई कृषक भोजनालय के प्रोप्राइटर विवेक ऐडे के विरूद्ध किसानों को जारी किये गये भोजन कूपन की आड़ में किये गये अनियमित भुगतान 10,47,954 रूपये के तत्काल वसूली करने के आदेष मध्य प्रदेष राज्य कृशि मुख्यालय भोपाल से जारी हुये है।
                              यह कूपन घोटाला विभागीय अंकक्षेण वर्ष 2010-11 के दौरान प्रकाश में आया था। जिसमें पाया गया था कि कृषक भोजन व्यवस्था पर किया गया व्यय शंकास्पद पाया गया है अंकेक्षण में जांच किये जाने पर जारी अनुबंध पर पत्र और किसानों के नाम पर जारी किये गये कूपनों की संख्या में भारी अंतर पाया गया। जांच के दौरान ठेकेदार द्वारा 3,34,409 कूपन जारी किया जाना बताकर भुगतान प्राप्त किया गया।
                                     यह उल्लेखनीय है की मंडी समिति वारासिवनी द्वारा वर्ष 2010-11 में 14 लाख 92 हजार 479 रुपये का भुगतान किया गया जिसमें से 50 प्रतिशत मंडी समिति से 746439 रुपये एवं शेष राशि 746440 बोर्ड से अनुदान प्राप्त उपरांत भुगतान किया जाना था किन्तु मंडी सचिव वारासिवनी द्वारा बोर्ड से जारी निर्देशों का परिपालन ना करते हुये संपूर्ण राशि मंडी से भुगतान कर गंभीर अनियमितता की गई।
                               जांच में यह भी पाया गया की 18/8/2010 एवं 19/8/2010 जारी किये गये अनुबंध की संख्या के मान से 3 गुने से भी ज्यादा कूपन फर्जी जारी किया जाना बताया गया।
                               उप संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड जबलपुर द्वारा पत्र क्रमांक 76244 दिनांक 18/12/2015 को पत्र प्रेषित करते हुये सचिव कृषि उपज मंडी को निर्देशित किया गया था की अनियमित भुगतान की गई राशि 10 लाख 47 हजार 954 रुपये संबंधित ठेकेदार से शीघ्र वसूली कर अवगत कराया विलम्ब के लिए आप उत्तरदायी होगें।
    इस मामले में कृषि उपज मंडी के तत्कालीन सचिव मार्को द्वारा वारासिवनी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी शिकायत के आधार पुलिस द्वारा मंडी सचिव से संबंधित दस्तावेज मांगे जाने पर सचिव द्वारा पुलिस को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये।
    राजनीतिक दबाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था लेकिन मंडी बोर्ड के हाल ही में प्राप्त हुये बकाया वसूली तत्काल किये जाने के निर्देश से मंडी में हड़कंप मच गई है।
    इस मामले में भोजनालय के संचालक एवं तत्कालीन मंडी सचिव सहित अन्य संलिप्त लोगों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिये।

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