मोहम्मद सईद
शहडोल 1 फरवरी अभी तक। पिछले कई दिनों से एक बाघ अमरकंटक और डिंडोरी से लगे हुए क्षेत्र में विचरण कर रहा था। गांव तक पहुंच जाने वाले इस बाघ के कारण लोगों में दहशत भी थी। लेकिन अब इस बाघ को वन विभाग ने रेस्क्यू कर लिया है। इस मादा बाघ को संजय टाइगर रिजर्व ने छोड़ा जाएगा

उन्होंने बताया कि चूंकि 3 से 05 फरवरी तक अमरकंटक में नर्मदा महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। उक्त महोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है। मानव वन्य प्राणी द्वंद की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उक्त मादा बाघ के रेस्क्यू हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) भोपाल से अनुमति के आधार पर 31 जनवरी को सुबह संजय टाइगर रिजर्व सीधी के डॉ. अभय सेंगर, वन्य प्राणी विशेषज्ञ एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की संयुक्त टीम तथा 02 प्रशिक्षित हाथियों की सहायता से वन मण्डल डिण्डौरी के वन परिक्षेत्र करजिया पूर्व के कक्ष क्र० आर. एफ. 834 (बाबाघाट) से मादा बाघ का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू किए गए मादा बाघ को संजय टाईगर रिजर्व सीधी में छोड़ा गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर विपिन कुमार पटेल, उप वन मण्डलाधिकारी गाडासरई सुरेन्द्र सिंह जाटव, वन परिक्षेत्राधिकारी अमरकंटक वीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, वन परिक्षेत्राधिकारी पूर्व करंजिया श्रीमती प्राची मिश्रा, सहायक अनुदेशक वन विद्यालय अमरकंटक महेन्द्र यादव तथा वनमण्डल अनूपपुर और डिण्डौरी का अमला उपस्थित रहा।