आनंद ताम्रकार
बालाघाट २३ अप्रैल ;अभी तक ; बालाघाट जिले के वारासिवनी नगर के माध्यम स्थित शंकर तालाब में किये गये अतिक्रमण को हटाने एवं उसके मूल स्वरूप में लाकर संरक्षित करने को लेकर कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में प्रस्तुत शिकायत निराकरण 6 माह गुजर जाने के बाद नही हो पाया।
यह उल्लेखनीय है की माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में एक जनहित याचिका दायर कर तत्कालीन कलेक्टर श्री भरत यादव द्वारा 21 अगस्त 2016 को पारित आदेश के क्रियान्वयन किये जाने हेतु निवेदन किया गया था। कलेक्टर श्री भरत यादव ने जांच के पश्चात 55 अतिक्रमणकारियों द्वारा तालाब की भूमि पर अतिक्रमण किया जाना चिन्हित किया गया था तथा अतिक्रमण हटाये जाने के आदेश दिये थे।
तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पारित आदेश की प्रति संलग्न करते हुए 5/11/2024 को जनसुनवाई में अतिक्रमण हटाये जाने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उक्त आवेदन को अनुविभागीय अधिकारी को प्रेषित कर तत्संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये थे।
अनुविभागीय अधिकारी द्वारा तहसीलदार वारासिवनी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी वारासिवनी को अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे आवेदन दिये जाने के पश्चात 6 माह की अवधि बीत गई लेकिन अतिक्रमण हटाने के संबंध में आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
प्रदेश स्तर पर जल संरक्षण एवं नदी,नालों एवं तालाबों जैसे जल स्रोतों के रखरखाव एवं उन पर किये गये अतिक्रमण हटाए जाने का बृहद कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
समूचे जिले में स्थित तालाबों में अतिक्रमण कर तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा करते हुये पक्के निर्माण कार्य कर लिये गये लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही ना किये जाने से अतिक्रमण का सिलसिला बदस्तूर चल रहा है।
जनसुनवाई के माध्यम से तालाब की भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाये जाने के संबंध में की गई शिकायत सरकारी ढर्रे के चलते फाइलों में ही बंद कर दी गई है ऐसा लगता है।
इन विसंगतियों के चलते तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पारित आदेश के जारी होने के बाद 9 साल गुजर गये लेकिन तालाब का अतिक्रमण आज तक नहीं हट पाया। प्रशासन से अब क्या उम्मीद की जाये।