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    शासकीय स्वशासी महाविद्यालय में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों के लिए पारित पै प्रोटेक्शन बिल में है कई विसंगतियां

    महावीर अग्रवाल

    मन्दसौर १३ मार्च ;अभी तक ;   प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने शासकीय स्वशासी महाविद्यालय में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों के लिए पारित पै प्रोटेक्शन बिल के प्रति विरोध प्रकट किया है।
    प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मंदसौर के अध्यक्ष सौरभ जैन एवं डॉ. ईशांत चौरसिया ने बताया कि 12 मार्च 2025 को कैबिनेट में लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय स्वशासी महाविद्यालय में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों के लिए पारित पै प्रोटेक्शन बिल जिसमे स्वशासी/ शासकीय से सिर्फ शासकीय मेडिकल कॉलेज में आए चिकित्सा शिक्षकों की नई नियुक्ति में सिर्फ पे-प्रोटेक्शन ही लाभ प्राप्त होगा। चिकित्सा शिक्षकों को वित्त विभाग के 1972 के आदेश एवं प्रदेश के समस्त विभागों में लागू समान सर्विस प्रोटेक्शन का लाभ नहीं मिलेगा। पूर्व सेवा पेंशन के लिए मान्य नहीं होगी अर्थात भविष्य में यूपीएस के लाभ से वंचित होना होगा। भविष्य में पदोन्नति के प्रारंभ होने पर उच्च पद के लिए पूर्व सेवा की गणना नही होगी।  डीएसीपी का लाभ देने के लिए स्वशासी संस्था की पूर्व सेवा को नही जोड़ा जाएगा।. लीव एनकैशमेंट का लाभ नहीं मिलेगा । पूर्व की सेवा का लाभ नहीं मिलने से ग्रेजुएटी से वंचित होंगे। स्वशासी से किसी अन्य स्वशासी संस्था में नियुक्ति पर कोई लाभ नहीं मिलेगा। कोई वरिष्ठता नहीं।
    प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने बताया कि मध्यप्रदेश में सभी शासकीय एवं स्वशासी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षकों की भारी कमी है एवं नए चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सा शिक्षक नहीं आ रहे हैं एसोसिएशन ने प्रदेश के हित में चिकित्सकों की कमी को भरने के उद्देश्य से शासन से यह निवेदन किया था पर इस तरह अपूर्ण के आदेश से ये चिकित्सकों को लाभ के बजाए चिकित्सा शिक्षकों का नुक़सान होगा और प्रदेश की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा की व्यवस्था और ख़राब होगी। इसलिये प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन इस अपूर्ण पै प्रोटेक्शन का पूर्ण विरोध करती है।

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