महावीर अग्रवाल
मंदसौर २८ अप्रैल ;अभी तक ; डाइट मंदसौर में राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान भोपाल (म.प्र.) के सौजन्य से ‘‘शाला प्रबंधन एवं नेतृत्व विकास प्रशिक्षण’’ पाँच चरणों में आयोजित किया जा रहा है।
प्रत्येक चरण में सम्पूर्ण मंदसौर जिले के समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के संस्था प्रधानों को पाँच दिवसीय प्रशिक्षण देकर उनकी नेतृत्व क्षमता को और अधिक सशक्त एवं उपयोगी बनाया जा रहा है। चतुर्थ सत्र के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी सुश्री टेरेंसा मिंज ने कहा कि आगामी सत्र में अपनी नेतृत्व क्षमता में और अधिक निखार लाकर नामांकन से लेकर परीक्षा फॉर्म तक हमारा जिला प्रदेश एवं देश के शैक्षिक मानचित्र पर अपना गौरव स्थापित करें। शिक्षक बच्चों की क्षमता को पहचानें और उनकी समस्याओं का समाधान करने और उनकी प्रतिभाओं को निखारने में कोई कसर शेष न रखें।
विशेष अतिथि श्रीमान् जिला परियोजना समन्वयक श्री जगतदेव शुक्ल ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को समय नियोजन कर अपनी-अपनी शाला के वार्षिक कार्ययोजना का निर्धारण कर प्रतिदिन चरणबद्ध कार्य किया जाये, तभी हम शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकेंगे।
आज समाज में शासकीय एवं अशासकीय शिक्षण संस्थाओं के बीच की खाई बढ़ती जा रही है, उसे काटकर शासन द्वारा संचालित विद्यालयों में बच्चों की बुद्धि परिलब्धि स्तर के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए किए गए प्रयास ही अच्छे और श्रेष्ठ परिणाम दे सकते हैं। अध्यक्षता कर रहे डाइट प्राचार्य श्री दिलीप सिंह राठौड़ ने उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए सभी प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों को अपनी शाला मंे आदर्श स्थापित करने की प्रेरणा दी। आपने निर्देशित किया कि माननीय शिक्षा मंत्री महोदय के निर्देश है कि श्रेष्ठ कार्यों के लिए पुरस्कार एवं प्रोत्साहन दिये जायें। वहीं कार्य के प्रति लापरवाही अक्षम्य है।
वरिष्ठ व्याख्याता प्रमोद सेठिया ने कहा कि ‘‘शिक्षक का कार्य नौकरी से बढ़कर भावी पीढ़ियों का निर्माण करना है, आप इस चिंतन वाक्य को आत्मसात् कर कार्य करना सीखें।’’ प्रशिक्षण प्रभारी श्री आरडी जोशी ने सम्पूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए जिले के नवाचारी शालाओं के संस्था प्रधानों में सर्व श्री नंदकिशोर पाटीदार शाप्रावि रीछाबच्चा, मार्तण्ड सिंह शक्तावत शामावि उमरिया, ईश्वरलाल फरक्या शामावि ढाबला देवल के द्वारा किए जाने वाले रचनात्मक कार्यों की सराहना करते हुए सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित किया।
संचालन मास्टर ट्रेनर श्री शंभूसिंह चुण्डावत ने किया। आभार प्रदर्शन श्री रामेश्वर डांगी ने व्यक्त किया।
विशेष अतिथि श्रीमान् जिला परियोजना समन्वयक श्री जगतदेव शुक्ल ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को समय नियोजन कर अपनी-अपनी शाला के वार्षिक कार्ययोजना का निर्धारण कर प्रतिदिन चरणबद्ध कार्य किया जाये, तभी हम शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकेंगे।
आज समाज में शासकीय एवं अशासकीय शिक्षण संस्थाओं के बीच की खाई बढ़ती जा रही है, उसे काटकर शासन द्वारा संचालित विद्यालयों में बच्चों की बुद्धि परिलब्धि स्तर के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए किए गए प्रयास ही अच्छे और श्रेष्ठ परिणाम दे सकते हैं। अध्यक्षता कर रहे डाइट प्राचार्य श्री दिलीप सिंह राठौड़ ने उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए सभी प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों को अपनी शाला मंे आदर्श स्थापित करने की प्रेरणा दी। आपने निर्देशित किया कि माननीय शिक्षा मंत्री महोदय के निर्देश है कि श्रेष्ठ कार्यों के लिए पुरस्कार एवं प्रोत्साहन दिये जायें। वहीं कार्य के प्रति लापरवाही अक्षम्य है।
वरिष्ठ व्याख्याता प्रमोद सेठिया ने कहा कि ‘‘शिक्षक का कार्य नौकरी से बढ़कर भावी पीढ़ियों का निर्माण करना है, आप इस चिंतन वाक्य को आत्मसात् कर कार्य करना सीखें।’’ प्रशिक्षण प्रभारी श्री आरडी जोशी ने सम्पूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए जिले के नवाचारी शालाओं के संस्था प्रधानों में सर्व श्री नंदकिशोर पाटीदार शाप्रावि रीछाबच्चा, मार्तण्ड सिंह शक्तावत शामावि उमरिया, ईश्वरलाल फरक्या शामावि ढाबला देवल के द्वारा किए जाने वाले रचनात्मक कार्यों की सराहना करते हुए सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित किया।
संचालन मास्टर ट्रेनर श्री शंभूसिंह चुण्डावत ने किया। आभार प्रदर्शन श्री रामेश्वर डांगी ने व्यक्त किया।