महावीर अग्रवाल
मंदसौर १९ मई ;अभी तक ; श्री प्रेमप्रकाश पंथ के संस्थापक आचार्य सतगुरू स्वामी टेऊँराम महाराज के 139 जन्मोत्सव के पावन उपलक्ष्य में 21 मई से 30 जून तक हर वर्ष पूरे देश ही नहीं अपितु विदेशों में कोने-कोने से सभी शहरों, गांवों में 40 दिन तक भजनों, प्रवचनों के सत्संग एवं भोजन के भण्डारे आयोजित किये जायेंगे।
इस आ शय की जानकारी श्री प्रेम प्रकाश सेवा मण्डली के अध्यक्ष पुरूषोत्तम शिवानी ने देते हुए बताया कि इस संबंध में संतश्री शंभुलालजी प्रेमकाशी की अध्यक्षता में सेवाधारी श्रद्धालुसंगत की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें श्री प्रेम प्रकाश मंदसौर में भी यह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया। जिसके अंतर्गत प्रतिदिन शाम 5 से 7.30 बजे तक नित्य नियम चालीसा का पाठ, गुरू प्रार्थना इष्टक, भजन, प्रवचन बड़े ही प्रेम श्रद्धा, भक्ति उल्लास एवं उमंग के साथ मनाये जावेंगे। शिवानी ने बताया कि प्रथम दिवस 21 मई बुधवार को श्रीमद् भागवत गीता एवं श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथों के पाठों की स्थापना के साथ नित्य नियम व भगवान श्री लक्ष्मीनारायण एवं स्वामी टेऊँरामजी महाराज की महाआरती के साथ विडियो काल के माध्यम से संत श्री शंभूलालजी ‘‘पल्लव’’ पाक 40 दिवसीय महोत्सव की शुरूआत करेंगे। 1 जून को स्वामी टेऊँरामजी महाराज का वर्सी उत्सव मनाया जावेगा।
22 जून को रथयात्रा-:
शिवानी ने बतलाया कि 22 जून रविवार को संत शंभूलालजी के सानिध्य में शाम को श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में टेऊँरामजी महाराज की स -कीर्तन रथयात्रा निकालकर जो आश्रम कि परिक्रमा करते हुए आश्रम में समाप्ति के उपरांत सत्संग, प्रवचन के साथ महाआरती की जावेगी। दिनांक 30 जून को स्वामी टेऊँरामजी महाराज के 139वें जन्मोत्सव के साथ इस महायज्ञ का समापन होगा।
इस चालीस दिवसीय महापर्व में भी श्रद्धालु चालीस दिन तक व्रत रखकर नियम पूर्वक पालन करते हुए भजन भक्ति नाम स्मरण करते हुए गुरू बाबा का प्रिय महाप्रसाद डोड़ा चटनी का भोग लगाकर आरती और परोपकारी कार्य करते है तो गुरू बाबा उन श्रृद्धालु ओ कि मनोकामना अवश्य पूरी करते है। साध महात्माओ के वरदान के उपरांत माता कृष्णादेवी द्वारा 40 दिवस की तप तपस्या के उपरांत स्वामी टेऊँरामजी महाराज का अवतार हुआ था।
दोहा -:”या तो आतम ज्ञान हो या हो परोउपकार!
टेऊँ जिसमें ये नहीं मानुष से बेकार!!”
आप श्रद्धालु सनातन धर्मी सिंधी समाज संगत चालीसा दिन गुरू दरबार साहिब श्री प्रेम प्रकाश आश्रम मे पधारे व आचार्य श्री एवं आप श्री के इष्टदेव भगवान श्री लक्ष्मीनारायण की आरती पल्लव पाकर अपनी अपनी मनोकामना पूर्ण करे।
बैठक के अंत में आभार प्रदर्शन श्रीमती पुष्पा पमनानी एवं श्रीमती माता मूलचंदानी ने प्रकट किया।