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    श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में संकट मोचक  हनुमान जी का प्राकट्योत्सव श्रृद्धालु संगत ने श्रृद्धा के साथ मनाया

    महावीर अग्रवाल 

     मन्दसौर १३ अप्रैल ;अभी तक ;   सिंधी  हिंदू समाज की प्रमुख धर्मपीठ श्री प्रेम प्रकाश पंथ की मंदसौर शाखा श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में संकट मोचक मोक्ष प्रदाता अंजनी के लाल श्री हनुमानजी का जन्मोत्सव महिला मण्डली के सानिध्य में एवं देश व प्रदेश के ख्याति प्राप्त यज्ञाचार्य व कथा वाचक आचार्य डॉ देवेन्द्रजी शास्त्री कि पावन उपस्थिति में श्रृद्धालु संगत ने सम्पूर्ण श्रृद्धा, उमंग व उत्साह के साथ मनाया । महिला मण्डली प्रमुख दादी पुष्पा पमनानी, माला मूलचंदानी एवं महिला मण्डली की महिलाओं व बालक गिरीश जैसवानी कि ढोलक की ताल के साथ संगीत मय सुन्दर काण्ड का पाठ हनुमान चालीसा का पाठ किया।
                                इस आशय जानकारी श्री प्रेम प्रकाश मंडली के अध्यक्ष पुरुषोत्तम शिवानी ने देते हुए बताया की इस पावन अवसर पर आचार्य डॉ. देवेंद्र शास्त्री ने अपने मुखारविंद से भगवान श्री हनुमानजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रभु हनुमानजी ज्ञान के सागर, गुणों की खान, बुद्धीमान व सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी थे एवं प्रभु राम के परम सेवक थे, आपके ज्ञान व बुद्धि का डंका तीनों लोकों में माना गया ।श्री शास्त्री जी ने कहा कि हनुमानजी भगवान श्री शंकर के ग्यारहवें अवतार थे वे हमेशा भगवान श्री राम की सेवा में लीन रहते थे, आपने उपस्थित संगत को कहा कि जिस घर व स्थान पर प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ होता हैं वहां पर पितृ व वास्तु दोष नहीं होता इसलिए आप आज प्रतिज्ञा कीजिये कि प्रतिदिन एक रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
                                आप श्री ने आज से पन्द्रह वर्ष पूर्व इस आश्रम में प्रतिष्ठित भगवान श्री लक्ष्मी नारायण, आचार्य सतगुरु स्वामी टेऊॅराम जी महाराज कि मूर्तियों कि प्राण प्रतिष्ठा करने पर अपने आप को प्रसन्नचित्त व सौभाग्यशाली मानते हुए कहा कि मैंने आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊॅराम जी के जीवन चरित्र को बहुत ही गहराई से अध्ययन किया तो पाया कि सतगुरु स्वामी टेऊॅराम जी महाराज एवं पंथ के संत मण्डल ने बहुत ही विकट परिस्थिति व कठिनाइयों के साथ श्री प्रेम प्रकाश पंथ व सनातन धर्म की रक्षा कर खड़ा किया आज सनातन धर्म का विशाल वटवृक्ष बन चुका है जिसे  वर्तमान पंचम पीठाधीश्वर सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज व प्रेम प्रकाश पंथ के संत मंडल इस वट वृक्ष को सिंचित कर रहे हैं,आप संगत को  अपने आप को सौभाग्यशाली मानना चाहिए कि आपको ऐसे सत्गुरु का आशीर्वाद व सानिध्य प्राप्त हुआ है।
                                 दादी पुष्पा पमनानी, पुरुषोत्तम शिवानी व दयाराम जैसवानी ने आचार्य देवेन्द्र शास्त्री को पखर प्रसाद देकर पुष्पमाला से स्वागत सत्कार किया। केक प्रसाद के साथ ‘पल्लव’ पाकर मंगल गीतो के भजनों पर झूमकर हर्षाेल्लास के साथ हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया गया। अन्त में आभार प्रदर्शन माला मुलचंदानी एवं देवकी कोठारी ने प्रकट किया।

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