आनंद ताम्रकार
बालाघाट 25 मई ;अभी तक ; समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान से कस्टम मिंलिग करने वाले राइस मिलर्स पर कलेक्टर मृणाल मीणा ने कड़ी कार्यवाही करते हुये 18 लाख रूपये की पैनाल्टी लगाई है। जिले में खरीदी गई धान के मामले में ईओडब्ल्यू की जांच अभी चल रही है।
मीडिया के माध्यम से सरकारी धान को कालाबाजार में बेचकर उसके एवज में कस्टम मिंलिग के माध्यम से अन्य प्रदेशों से एवं स्थानीय स्तर पर कालाबाजारी के माध्यम से राशन का चावल खरीदकर नागरिक आपूर्ति निगम को प्रदाय करने के समाचार प्रकाशित किये थे। जिसके आधार पर कलेक्टर श्री मृणाल मीणा ने एक जांच दल का गठन किया था जिसमें खादय आपुर्ति विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक एवं कृषि उपज मंडी के निरीक्षक एवं वेयर हाउस कारपोरेशन के अधिकारी शामिल थें।
जांच दल द्वारा कस्टम मिंलिग के लिये अनुबंध करने वाले 122 राइस मिलर्स की गहन जांच कराई गई जांच में 93 राइस मिलों में गभीरता अनियमिततायें पाई गई धान और चावल के स्टाक में भारी मात्रा में अंतर पाया गया। जांच दल द्वारा प्रस्तुत किये गये जांच प्रतिवेदन के आधार पर मिलर्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया अततः कलेक्टर श्री मृणाल मीणा ने 93 राइस मिलर्स के विरूद्ध धान और चावल का सार्टेज मिलने पर 18 लाख 55 हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाया है।
यह उल्लेखनीय है की कस्टम मिंलिग के बाद मिलर्स द्वारा प्रदाय की गई धान के एवज में नागरिक आपूर्ति निगम को 65प्रतिशत तथा भारतीय खादय निगम को 35प्रतिशत चावल जमा कराया जाना था लेकिन विभागीय जांच में अलग अलग स्तर पर कमी पाये जाने पर प्रशासन ने मिलर्स को हिदायत देते हुये अर्थदण्ड लगाया है साथ मिलिंग कार्य में निगरानी बढ़ा दी गई है।
इस संबध में आर के ठाकूर प्रभारी जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम एवं जिला खादय एवं आपूर्ति अधिकारी ने अवगत कराया की कलेक्टर महोदय के निर्देश पर गठित किये गये जांच दल द्वारा जांच कराई गई इस जांच के दौरान 93 राइस मिलों में धान और चावल के स्टाक में अंतर पाये जाने पर प्रशासन द्वारा मिलर्स के विरूद्ध पैनाल्टी लगाई है जिसमें 18 लाख 55 हजार रूपये अर्थदण्ड लगाया है। उन्होने यह भी अवगत कराया की कस्टम मिंलिग कार्य में अब लगातार निगरानी रखी जा रही हैै।