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    समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में फर्जीवाड़ा कर सरकारी खजाने को लाखों रूपये का घोटाला, चरेगांव धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी ने फांसी लगाई

    आनंद ताम्रकार

    बालाघाट २८ फरवरी ;अभी तक ;   जिले में वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में फर्जीवाड़ा कर सरकारी खजाने को लाखों रूपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने में कोई कसर नही छोडी गई वहीं अवैध कमाई के चक्कर में ऐसे घोटालों को अंजाम दिया गया।

    इन्हीं विसंगतियों के चलते चरेगांव धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी जितेन्द्र ने 28 जनवरी 2025 को कार्यालय में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी क्योंकि जितेन्द्र ऐसे संगठित गिरोह के दबाव में था जिनके इशारे पर धान की फर्जी खरीदी बताई गई और उसे सारटेज होना बताया गया।

    जितेन्द्र ने अपने सुसाइड नोट में 6 लोगों के नामों का उल्लेख किया है उसी सुसाइड नोट के आधार पर जब पुलिस ने जांच शुरू की तो जांच की आंच में कई बड़े चेहरे झुलसते नजर आ रहे है। पुलिस के हाथ लगे रजिस्टर में 50 से भी ज्यादा लोगों के नामों का उल्लेख किया गया है जिनके नाम से रूपयों का लेनदेन बताया गया है। इनमें सहकारी बैंक सहित उन बैंकों के नाम शामिल है जिनके यहां किसानों का खाता परिचालित किया जा रहा हैं
    पुलिस की जांच उस रजिस्टर के इर्द्रगिर्द की जा रही है इसकी बिनाह पर ही जितेन्द्र की मौत के जिम्मेदारों की तलाश की जा सकेगी और पुलिस उस संगठित गिरोह तक पहुचेगी जो सारटेज की कागजी खानापूर्ति करने के लिये जितेन्द्र पर दबाव बना रहे थे।

    इस मामले के प्रकाश में आने के बाद संबंधित विभागों द्वारा धान खरीदी में हुये सारटेज की जांच कराई जा रही है जिसमें चरेगांव खरीदी केन्द्र में 1800 क्विंटल धान जिसका मूल्य 50 लाख रुपये लगभग बताया गया है वहीं विभाग द्वारा मात्र 320 क्विंटल धान का सारटेज होना बताया जा रहा है। इन आंकड़ों के मकड़जाल से किसी बड़े घोटाले होने का संदेह जाहिर होता है और तो और अब चरेगांव केंद्र में हुई धान की खरीदी भी जांच का हिस्सा बन गई है। इस मामले अब तक 1 व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है और 2 ट्रांसपोर्टरों ने अग्रिम जमानत करा ली है बाकी आरोपी फरार बताये गये है।

    अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के एल बंजारे ने अवगत कराया की चरेगांव धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी जितेन्द्र की जेब से बरामद हुए सुसाइड नोट इस प्रकरण का अहम साक्ष्य है पुलिस द्वारा की जा रही छानबीन में एक रजिस्टर मिला है जिसमें 50 से भी अधिक नामों का उल्लेख है उनमें बैंक कर्मी, पटवारी तथा सहकारी बैंक के कर्मचारी अधिकारी के नाम शामिल है पुलिस द्वारा उन सभी से पूछताछ करेगी।
    यह उल्लेखनीय है की विगत 3 वर्ष पूर्व तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी धीरेन्द्र रघुवंशी ने जिले के 10 गोदाम एवं कैप प्रभारियों के नाम से एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें 6 करोड रुपये से अधिक की धान का सारटेज होना बताया गया था।
    इस शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस वारासिवनी द्वारा की जा रही है जो अब तक किसी अंजाम तक पहुंची नहीं है वहीं उन्हीं गोदाम प्रभारी एवं कैप प्रभारियों को उनके पद से हटाया नही गया और वे अभी भी अपने पद पर बैठे हुये है।
    चरेगांव खरीदी केंद्र में हुए धान के सारटेज जैसा मामला जिले के अन्य खरीदी केन्द्रों में होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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