महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ४ जुलाई ;अभी तक ; श्री आदिनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट नयापुरा मंदसौर व श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ की विनती पर मंदसौर में चातुर्मास करने पधारी साध्वी श्री अमितगुणाश्रीजी म.सा. एवं साध्वी श्री श्रेयंनदिता श्रीजी म.सा. का कल शुक्रवार को मंदसौर नगर में भव्य चातुर्मास प्रवेश कार्यक्रम आयोजित किया गया। कल नयापुरा रोड़ स्थित जैन दादावाड़ी में प.पू. साध्वी श्री सूर्यप्रभाश्रीजी म.सा. की सुशिष्या साध्वी श्री अमितगुणाश्रीजी व श्री श्रेयनंदिता श्रीजी म.सा. का भव्य चातुर्मास प्रवेश हुआ। साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म.सा. की पावन निश्रा एवं दोनों साध्वियों की पावन गरिमामय उपस्थिति में संजय गांधी उद्यान में चातुर्मास प्रवेश हेतु भव्य चल समारोह निकाला गया। बैण्डबाजे के साथ निकले इस चल समारोह में श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ सहित मंदसौर नगर के विभिन्न जैन श्रीसंघों के पदाधिकारीगण व सदस्यगण शामिल हुए। भगवान महावीर स्वामी के जयकारों के साथ संजय उद्यान से प्रारंभ होकर यह चल समारोह रोम टॉवर के सामने पुरानी कृषि उपज मण्डी रोड़, गोल चौराहा, बालागंज के मुख्य मार्ग का भ्रमण कर नयापुरा रोड़ स्थित जैन दादावाड़ी पहुंचा। मार्ग में कई स्थानों पर जैन समाज के धर्मनिष्ठ परिवारों के द्वारा साध्वीजी के नगर आगमन पर गहुलिया कर उनसे आशीर्वाद लिया गया। चल समारोह में महिलाओं ने सिर पर कलश धारण करते हुए कतारबद्ध होकर चल समारोह की शोभा बढ़ाई। महिला मण्डलों ने जैन प्रतीक चिन्ह हाथ में लेकर चल समारोह में भागीदारी की। पुरूषों ने श्वेत व केसरिया रंग की वेशभुषा पहनकर व सिर पर साफ बांधकर चल समारोह की शोभा बढ़ाई। नयापुरा रोड़ स्थित श्री आदिनाथ जैन मंदिर (दादावाड़ी) पहुंचकर यह चल समारोह विशाल धर्मसभा में परिवर्तित हुआ।
साध्वी श्री अमितगुणाश्रीजी म.सा. ने धर्मसभा में कहा कि चातुर्मास का समय तप एवं धर्म आराधना के लिये उत्तम माना गया है। वर्षावास के दिनों में की गई धर्मआराधना पूरे वर्ष मानव जीवन में नई ऊर्जा का संचार करती है। मानव केा वर्षावास के चार माह में भगवान महावरी के बताये मार्ग पर चलते हुए जमीकंद एवं रात्रि भोजन का त्याग तो करना ही चाहिये यदि संभव हो तो ब्रह्मचर्य व्रत का पालन भी करना चाहिये। वर्षावास पूरे चार माह का होता है। इसलिये पूरी चार माह आराधना में लगाना चाहिये।
साध्वी श्री श्रेयंनदिता श्रीजी म.सा. ने कहा कि वर्षावास में पूरे चार माह साधु साध्वियों की स्थिरता रहती है। श्रावक श्राविकाओं के भी वर्षावास के चार माह में अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिये और पूरे चार माह प्रभु भक्ति, नवकार मंत्र आराधना तप तपस्या में समय लगाना चाहिये। वे लोग भाग्यशाली है जिन्हें चार माह धर्म आराधना के लिये अवसर प्राप्त होता है। आप भी उन्हीं में से हो आप भी इस समय का उपयोग ले।
धर्मसभा में पद्मावति नगर अभिनंदन क्षेत्र में विराजित साध्वी श्री विमलप्रभाजी म.सा. का भी आशीर्वचन प्राप्त हुआ। धर्मसभा में महिला मण्डल की सुरभि भण्डारी ने नवकार गीत प्रस्तुत किमया। इसके बाद शिल्पा कोठारी, नीलिमा सखलेचा, सारिका कोठारी, अलका पामेचा, रेखा डोसी, सोनाली कोठारी, मीनाक्षी बोथरा, शिल्पा बाफना, सुनीता चौधरी, कुसुम लोढ़ा, मनीषा लोढ़ा, नीलिमा कोठारी, मीनाक्षी कोठारी आदि बहनों के द्वारा साध्वीजी के आगमन पर स्तवन (गीत) प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम में हेमा खाबिया प्रभा खाबिया व बालक नक्ष ने भी स्तवन गीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम कासंचालन कमल कोठारी ने किया व आभार सुरेन्द्र डोसी ने माना।
अतिथियों का स्वागत सम्मान किया गया- धर्मसभा में आदिनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट एवं खरतरगच्छ श्रीसंघ्ज्ञ के द्वारा कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शामिल हुए नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, सकल जैन समाज संयोजक श्री सुरेन्द्र लोढ़ा, मुम्बई से पधारे पारसमल सखलेचा, इंदौर से पधारे हेमंत सुराना, जितेन्द्र साखलिया (वापी), प्रतापगढ़ से पधारे चन्द्रप्रकाश जैन, जीरन से पधारे कोमलसिंह मारू का शाल श्रीफल भेंटकर एवं माला पहनाकर स्वागत सम्मान किय ागया। इन सभी अतिथिगणों ने साध्वीजी की अमृतमयी वाणी भी श्रवण की तथा उनसे आशीर्वाद भी प्राप्त किया।
धर्मसभा में चातुर्मास प्रवेश के उपलक्ष्य में आयोजित चल समारोह व धर्मसभा में नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, सकल जैन समाज संयोजक सुरेन्द्र लोढ़ा, समाजसेवी दिलीप डांगी,चातुर्मास समिति अध्यक्ष अशोक मारू (नाकोड़ा), श्रीसंघ अध्यक्ष कमल केाठारी, सकल जैन समाज पूर्व महामंत्री प्रताप कोठारी, पूर्व कोषाध्यक्ष विकास भण्डारी सीए, चातुर्मास समिति संरक्षकगण दिलीप लोढ़ा, पुनमचंद भंडारी, उपाध्यक्ष राजेन्द्र छाजेड़, श्याम छाजेड़, अनिल बर्डिया, कोषाध्यक्ष कुशल लोढ़ा, सचिव अशोक मेहता, अशोक कर्नावट, नीतिन सखलेचा, दीपक सखलेचा, धर्मेन्द्र चण्डावला, छोटेलाल जैन, अंशुल जैन, रितेश पोखरना, अंकित छाजेड़, कुशल डोसी, पारस डोसी, अभय डोसी, संजय संघवी, जयसिंह कोठारी, जयसिंह पामेचा आदि ने सहभागिता की।