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बेटी को न्याय दिलाने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पंहुचा परिवार, आत्महत्या नही हत्या की जताई आशंका

दीपक शर्मा

पन्ना १४ जुलाई ;अभी तक; झांसी निवासी सतीशचन्द्र परिहार पुत्र स्वर्गीय सुरेन्द्र सिंह परिहार अपने परिवार सहित पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा कोतवाली पन्ना पंहुचकर आवेदन के माध्यम से न्याय दिलाने तथा मामले की विधिवत जांच कराये जाने की मांग की गई है।

विवरण के अनुसार आवेदन में उल्लेख किया गया है कि प्रार्थी की बहन सुषमा सिंह का विवाह कमलेश सिंह पुत्र श्याम लाल सिंह निवासी सटई रोड छतरपुर के साथ वर्ष 2013 में हुआ था। जो वर्तमान में पन्ना मे पुलिस विभाग में यातायात थाना मे पदस्थ है, उनके दो पुत्र एवं दो पुत्रीयां थी। जिसमे एक पुत्र नैतिक लगभग 6 वर्ष की बीमारी के चलते वर्ष 2022 में निधन हो गया था। मेरी बहन सुषमा की गत चार जुलाई को मौत हो गई है। उक्त मौत के संबंध में मेरी बहन के पति कमलेश सिंह द्वारा यह बताया गया है कि उसने फांसी लगाकर की आत्म हत्या कर ली है। जबकी हम परिवार वाले उनके द्वारा बताई गई कहानी से संतुष्ट नही है। क्योकि उपरोक्त मामले मे यह सामने आया है कि मेरी बहन के साथ कमलेश सिंह द्वारा आये दिन शराब पीकर मारपीट की जाती थी, जिससे वह भारी परेशान भी रहती थी। उक्त मामले मे बहन की सास सविता उर्फ कल्लो द्वारा भी सहयोग किया जाता था। जिससे वह भारी परेशान रहती थी। लेकिन उसके द्वारा फांसी नही लगाई गई है। उसको आरोपी कमलेश द्वारा मारकर कहानी बनाई गई है। उसके बाद फांसी पर लटकाने का षडयंत्र किया गया है।

क्योकि जिस प्रकार से कहानी को बनाया गया है, वह समझ से परे है। एक पंखी में कैसे फांसी लग सकती है, तथा फांसी पर लटकने के बाद कमलेश सिंह सूचना मिलने पर जब घर पंहुचे तो उन्होने पुलिस को भी नही बुलाया स्वंय फांसी से उतारकर अस्पताल ले आये तथा उनके द्वारा सारी कहानी बनाई गई। उन्होने बताया कि इनके द्वारा लगातार प्रताडित किया गया है तथा उसको मारकर पंखे में टागने की योजना बनाकर फांसी का रूप दिया गया है। उन्होने यह भी बताया कि अपने प्रभाव से डॉक्टरी प्रशिक्षण में भी क्षेड़ छाड़ कराई गई है। मकान मालिक द्वारा सीसी टीव्ही के फुटेज भी गायब कर दिये गये है। इस प्रकार संपूर्ण मामले की विधिवत जांच कराई जाये तथा दोषीयो के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये।

इनका कहना हैः-

संबंधित मामले को लेकर उक्त लोगो ने हमसे मुलाकात की थी, आज अवकाश का दिन था, इस लिए आवेदन संबंधितो द्वारा कार्यालय में दिया है, संबंधित मामले मे जांच करायेगें, तथा जो भी सामने आयेगा उसके आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
आरती सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पन्ना

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