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जीवन में परोपकार का कार्य जरूर करे- साध्वी श्री रमणीककुंवरजी

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर २४ अगस्त ;अभी तक ;   मनुष्य को जीवन में यदि पुण्य कर्म का संचय करना है तो परोपकार का कार्य अवश्य ही करना चाहिये। जीवन में हम जो परोपकार अर्थात सेवा का कार्य करते है जीवन में उसका लाभ हमें मिलता ही है। जो मनुष्य परोपकार का कार्य करते है उनका जीवन में सदैव शुभ व मंगल ही होता है।
                                उक्त उद्गार परम पूज्य जैन साध्वी श्री रमणीककुंवरजी म.सा. ने नईआबादी शास्त्री कॉलोनी स्थित जैन दिवाकर स्वाध्याय भवन में कहें। आपने शुक्रवार को यहां धर्मसभा में कहा कि जीवन में हमें सेवा कार्यो में सदैव अग्रणी रहना चाहिये। दान पुण्य जरूर करे जहां भी दिन दुखी दिखे अपना कर्तव्य निभाये।
                               नवकार महामंत्र की महिमा समझे- साध्वी श्री रमणीक कुंवरजी ने कहा कि नवकार महामंत्र की महिमा को समझना चाहिये। यह मंत्र सभी मंत्रों में श्रेष्ठ है। यह किसी धर्म पंथ या जाति का मंत्र नहीं है। इस मंत्र में संसार के सभी तीर्थंकरों, अरिहंतों, आचार्य साधुओं की महिमा का गुणगान किया गया है। वे चाहे किसी भी धर्म के हा हमें नवकार महामंत्र की महिमा को समझकर प्रतिदिन नवकार महामंत्र की एक माला का जाप जरूर करना चाहिये। जैन धर्म व दर्शन के ग्रंथों में नवकार महामंत्र की महिमा के कई वृतान्त मिलते है। जीवन में हमें नवकार की महिमा को समझकर इस मंत्र के प्रति पूर्ण श्रद्धाभाव रखना चाहिये। धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकायें उपस्थित थे। संचालन पवन जैन एच.एम. ने किया।

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