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लोभ की प्रवृत्ति छोड़ों, सदैव सच बोलो- साध्वी श्री रमणीक कुंवरजी

महावीर अग्रवाल
मंदसौर १४ सितम्बर ;अभी तक ;   मानव को लोभ मोह माया को छोड़ सादगीपूर्ण जीवन जीना चाहिये। लोभ की प्रवृत्ति मनुष्य का यह भव तो बिगाड़ ही देती है। साथ ही अगला भव भी बिगड़ेगा। यह निश्चित हो जाता है मनुष्य को अपने जीवन में छल, कपट, कटूता छोड़ दान की प्रवृत्ति को अ पनाना चाहिये। दान भी यश, कीर्ति, प्रसिद्धी के उद्देश्य से न दिया जाये बल्कि गुप्तदान हो। गुप्तदान की महत्ता अधिक है।
                                  उक्त उद्गार प.पू. जैन साध्वी श्री रमणीक कुंवरजी म.सा. ने कहे। आपने शनिवार को जैन दिवाकर स्वाध्याय भवन शास्त्री कॉलोनी में आयोजित धर्मसभा में कहा कि यदि हम दिखने में बबुले पक्षी के समान सुंदर है लेकिन हमारे मन की मलिनता भी बबुले पक्षी के समान है जो कि नदी तालाबों में जीवों का शिकार करता है तो हमें अपनी यह प्रवृत्ति छोड़ना चाहिये।
                                     असत्य मत बोलो- साध्वीजी ने श्री कृष्ण व युधिष्ठिर का वृतांत बताते हुए कहा कि महाभारत के युद्ध में द्रोणाचार्य ने जब आधी पाण्डव सेना समाप्त कर दी तो पांडवों ने द्रोणाचार्य को पराजित करने के लिये झूठ का सहारा लिया और कुरूक्षेत्र के युद्ध मैदान में यह अफवाह फैला दी की द्रोणाचार्य का पुत्र अश्वत्थामा मारा गया है जबकि अश्वत्थामा जीवित था उस युद्ध मैदान में अश्वत्थामा नाम का हाथी मरा था। द्रोणाचार्य को पुत्र वियोग के कारण वीरगति मिली लेकिन पाण्डवों ने जो असत्य का सहारा लिया। उसके कारण धर्मराज युधिष्ठिर जो कि सदैव सच बोलते थे वे भी झूठ बोलने वाले व्यक्तियों में गिने गये।
आज से 19 सितम्बर तक पंच परमेष्ठी के एकासने होंगे- साध्वी श्री रमणीककुंवरजी व साध्वी श्री चंदनाश्रीजी म.सा. की प्रेरणा व निश्रा में आज 15 सितम्बर से 19 सितम्बर तक पांच दिवस पंच परमेष्ठी देव के एकासने होंगे। इन एकासनों को कराने का धर्मलाभ पांच अलग-अलग परिवारों ने प्राप्त किया है।
आज बच्चों को पाठशाला लगेगी- आज 15 सितम्बर रविवार को दोप. 2 से 3.30 बजे तक 5 से 18 वर्ष तक आयु के बालक बालिकाओं की धार्मिक पाठशाला लगेगी। इस पाठशाला में बच्चों को भेजने की अपील श्रीसंघ के द्वारा की गई है।

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