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डॉक्टर पीजी नाजपांडे ने गैर लाइसेंसी व्यापारियों को प्रदेश के गोदामों में भण्डारित अनाज बिक्री करने के निर्णय को गलत बताया

आनंद ताम्रकार

बालाघाट 26 सितम्बर ;अभी तक ;  मध्यप्रदेश नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉक्टर पीजी नाजपांडे ने प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय भोपाल को पत्र प्रेषित कर मंडी बोर्ड द्वारा वर्ष 2019 के नियमों में संशोधन कर गैर लाइसेंसी व्यापारियों को प्रदेश के गोदामों में भण्डारित अनाज बिक्री करने का निर्णय लिया है जो गलत है इस निर्णय से अराजकता फैलेगी।

                                डाक्टर श्री नाजपाण्डे ने पत्र में उल्लेख किया है की प्रदेश के गोदामों में करोडों रूपयों का लाखों टन अनाज सांठगांठ और रखरखाव में कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण बरबाद हो चुका है इस लापरवाही पर पर्दा डालने के लिये मंडी बोर्ड ने वर्ष 2019 के नियमों में संशोधन कर निर्णय लिया है की अनाज का विक्रय प्रदेश के बाहर के गैरलाईसेंसी व्यापारियों को भी किया जा सकेगा।

उन्होने लिखा है की मंडी बोर्ड का निर्णय अराजकता फैलाने वाला है तथा इससे आम जनता को यदि खराब अनाज दिया गया तो ऐसे गैरलाईसेंसी व्यापारियों पर कार्यवाही कैसे होगी। इसी आड़ में इसका फायदा गैरलाईसेंसी व्यापारी उठायेगे। मंडी बोर्ड का यह निर्णय गैर कानूनी है क्योंकि उसे नीति बनाने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार केवल राज्य सरकार के पास ही है।

उन्होंने अवगत कराया की प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने प्रदेश के गोदामों में हुये लाखों टन अनाज की बर्बादी पर 19 सितंबर को आंदोलन किया था यह आंदोलन जारी रहेगा उन्होंने राज्य सरकार से इस पूरे प्रकरण में हुई सांठगांठ और भ्रष्टाचार की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराये जाने की मांग की है।

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