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लोक निर्माण विभाग भवन (पीआईयू) में घटिया निर्माण के चलतें भवन नहीं हो रहें संबंधित विभाग को हस्तानान्तरित, छात्रो का भविष्य अंधकार में

दीपक शर्मा

पन्ना १५ अक्टूबर ;अभी तक ;  लोक निर्माण विभाग भवन में जहां वर्तमान मे दो सौ करोड़ से अधिक का निर्माण कार्य चल रहें है। उनमे अधिकारीयों की मिली भगत से लगातार ठेकेदारो से साठ गाठ कर घटिया निर्माण कार्य कराकर लगातार शासन की आर्थिक छति पंहुचाई जा रहीं है। कई निर्माण कार्य जिनकों एक वर्ष में पूरा किया जाना था, वह आज पांच वर्षो में भी पूरे नही हो पाये है। जिससे की बन रहे हाई स्कूलों के भवन शिक्षा विभाग को हस्तानान्तरित न होने के कारण छात्रो का भविष्य अंधकार में है।

उदाहरण के तौर पर गड़ी पडरिया, वरशोभा, गिरवारा, इत्यादी हाई स्कूल भवन गुणवत्ता विहीन कार्य के चलते पांच वर्षो में भी हस्तानान्तरित नहीं हो पायें है। इसी तरह हाई स्कूल भवन मुडवारी एवं टाई निर्माण कार्य इतना घटिया कराया गया है कि एक वर्ष मे ही फर्स उखड़ गया है, दीवारो एवं छतों में जगह जगह दरारे आ गई है। इसी तरह अजयगढ़ में निर्माणाधीन बालिका एंव बालक छात्रावास का कार्य कराया गया था जिसका समाचार भी पूर्व में प्रकाशित किये जा चुके है।

ज्ञात हो कि उक्त निर्माण कार्यो में नियम विरूद्ध स्वीकृत राशि से अधिक राशि खर्च कर शासन को आर्थिक छति पंहुचाई जा रही है, साथ ही जिलें में मेन्टीनेन्स के कार्यो को नियम विरूद्ध जिसके नाम टेन्डर एवं वर्क आर्डर है उक्त ठेकेदार से न करवाकर अपने चहेते ठेकेदारो से कार्य करवाकर मनमाने रूप से भुगतान कराया जा रहा है। ज्ञात हो कि विभाग मे चल रहे अधिकांश निर्माण कार्यो को पन्ना मे पदस्थ उपयंत्रीयों से न कराकर मनमाने रूप से अपने परिचित सतना में पदस्थ उपयंत्रीयों को अतिरिक्त प्रभार देकर कार्य कराया जा रहा है। पूर्व में जिला चिकित्सालय पन्ना में निर्माणाधीन 200-300 विस्तरीय उन्यन कार्य छठवें रनिंग बिल में करीब 34 लाख रूपये का भुगतान बिना उपयंत्री के हस्ताक्षर के किया गया था एवं 11 ए चलित रनिंग बिल के भुगतान में भी माप पुस्तिका में अतिरिक्त पेज चिपका कर करीब 35 लाख रूपये का अधिक भुगतान कर ठेकेदारो को आर्थिक लाभ पंहुचा कर शासन को आर्थिक छति पंहुचाई गई थी। जिसकी शिकात भी विभाग के उपयंत्री द्वारा प्रमुख सचिव से की गई थी। परन्तु आज दिनांक तक संबंधितो के खिलाफ कोई कार्यवाहीं नहीं हुई है।

ज्ञात हो कि पूर्व में इसी भ्रष्टाचार के चलते लोकायुक्त भोपाल द्वारा भ्रष्टाचार का प्रकरण क्रमांक 1142/2017 आलोक श्रीवास्तव एवं तत्कालीन कार्यपालन यंत्री अनामिका सिंह के विरूद्ध दर्ज किया जा चुका है। परन्तु विगत दस वर्षो से पन्ना में पदस्थ एसडीओ आलोक श्रीवास्तव को नहीं हटाया गया है। आमजन नें कलेक्टर एवं वरिष्ट अधिकारीयों से मांग की है कि घटिया निर्माण कार्यो की उच्च स्तरीय जांच कराक दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये जिससे की जिले मे गुणवत्तापूर्वक कार्य हो सकें।

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