प्रदीप सेठिया
बड़वाह ५ अप्रैल ;अभी तक; एक अप्रैल से म प्र सरकार द्वारा शराब की दुकानों के अहाते बंद कर देने से मदिरा प्रेमियों की परेशानी बढ़ गई है। अब वह इधर उधर चुप कर पीने की जगह ढूंढने लगे हैं।
अक्सर कलाली पर बैठकर अंगूर की बेटी का रसास्वादन करने वाले मधुसूदन ने बताया कि अब हमें पीने के लिए सुनसान जगह किसी कॉलेज व स्कूल का मैदान या कॉलोनी की दुकान का औ टला तलाशते हैं। वही निर्भय सिंह कहते हैं घर पर ले जाकर पीने में बीवी का डर रहता है और घर के बाहर पीने पर पुलिस का डर लगता है आखिर जाए तो जाए कहां।
उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों लाडली बहना योजना के कार्यक्रम में जब भाषण में कहते हैं कि हमने 1 अप्रैल से प्रदेश के अहाते बंद कर दिए हैं तो उपस्थित महिला जनसमूह जमकर ताली बजाकर शराब जैसी बुराई के प्रति अपना विरोध प्रकट करता हैं